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    Akshaya Tritiya 2025: क्या इस बार भी अक्षय तृतीया पर नहीं होंगी शादियां? जानें वजह

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 10:48 AM (IST)

    अक्षय शब्द का अर्थ होता है कभी न खत्म होने वाला ऐसे में अगर अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya 2025) के दिन जप-तप यज्ञ पितृ-तर्पण दान-पुण्य आदि जैसे कार्य किए जाए तो इससे मिलने वाला पुण्य जीवनभर बना रहता है। जैन समाज में भी यह दिन काफी महत्व रखता है क्योंकि जैन समाज में इस दिन को इक्षु तृतीया के रूप में मनाया जाता है।

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    Akshaya Tritiya 2025 अक्षय तृतीया पर क्या करना चाहिए? (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल वैशाख की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया मनाई जाती है, जो एक शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त भी है, इसका अर्थ है कि इस तिथि पर बिना शुभ मुहूर्त देखे भी विवाह किए जा सकते हैं। लेकिन इस बार अक्षय तृतीया आदि जैसे शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे। चलिए जानते हैं इसका कारण।

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    कब है अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya Shubh Muhurat)

    वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 30 अप्रैल को शाम 05 बजकर 29 मिनट पर शुरू होने जा रही है। समापन की बात करें, तो यह तिथि 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, बुधवार 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक

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    (Picture Credit: Freepik)

    क्यों नहीं होंगे विवाह

    इस साल अक्षय तृतीया पर जातक विवाह आदि नहीं कर सकेंगे, क्योंकि इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं रहेगा। जिसका कारण यह माना जा रहा है कि इस दिन शुक्र और गुरु तारा दोनों ही अस्त हो रहे हैं। वहीं गुरु ग्रह और शुक्र ग्रह को विवाह का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे में विवाह के लिए शुक्र व गुरु ग्रह का उदित रहना जरूरी माना गया है। पिछले साल यानी 2024 में भी शुक्र और गुरु तारा अस्त होने के कारण अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं बना था।

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    कर सकते हैं ये कार्य

    अक्षय तृतीया का पर्व जप-तप, यज्ञ, पितृ-तर्पण, दान-पुण्य आदि जैसे कार्यों के लिए बहुत ही खास माना गया है। ऐसे में अगर आप इस तिथि पर ये कार्य करते हैं, तो इसका पुण्य जीवनभर कम नहीं होता। साथ ही इस दिन सोना खरीदने का भी विशेष महत्व माना गया है, इसे समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। इसी के साथ अक्षय तृतीया की शाम को तुलसी के पास एक घी का दीपक भी जरूर जलाएं। इससे मां लक्ष्मी आपके ऊपर प्रसन्न रहती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।