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    Akshaya Tritiya 2025: 29 या 30 अप्रैल कब है अक्षय तृतीया? जानिए भोग, पूजा मुहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 10:41 AM (IST)

    अक्षय तृतीया का दिन परम कल्याणकारी माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस बार इस शुभ दिन (Akshaya Tritiya 2025) पर रोहिणी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर पूजा-पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

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    Akshaya Tritiya 2025: कब है अक्षय तृतीया?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अक्षय तृतीया हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। वहीं, इसकी (Akshaya Tritiya 2025) डेट को लेकर कुछ कन्फ्यूजन सी बनी हुई है कि यह 29 अप्रैल को मनाई जाएगी या 30 अप्रैल को, तो आइए इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं।

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    कब है अक्षय तृतीया? (Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 29 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी और 30 अप्रैल को रात्रि 09 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को ही मनाया जाएगा।

    पूजा मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Puja Muhurat)

    अक्षय तृतीया के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है -

    अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक।

    अक्षय तृतीया भोग (Akshaya Tritiya 2025 Bhog)

    अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं। इस दिन सत्तू, खीर, हलवा, चने की दाल, ऋतु फल और मिठाई आदि भोग में शामिल करना बहुत शुभ माना जाता है।

    अक्षय तृतीया पूजा विधि (Akshaya Tritiya 2025 Puja Vidhi)

    • सुबह उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
    • घर के मंदिर को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
    • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
    • गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
    • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
    • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
    • खीर का भोग लगाएं।
    • अंत में आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।

    अक्षय तृतीया का महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Significance)

    इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। अपनी क्षमतानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। सोना खरीदना भी इस दिन शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया पर श्रद्धापूर्वक पूजा और दान करने से जीवन में भौतिक सुखों और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।