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    Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर क्यों महत्वपूर्ण है तुलसी पूजा? जानें इसका धार्मिक महत्व

    अक्षय तृतीया पर तुलसी पूजा करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका अध्यात्मिक महत्व भी है। इस दिन तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) 30 अप्रैल को मनाई जाएगी तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 28 Apr 2025 08:18 AM (IST)
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    Akshaya Tritiya 2025: तुलसी पूजा का धार्मिक महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू धर्म में बहुत शुभ मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन सोना खरीदना, नए काम शुरू करना और दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है? तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    तुलसी पूजा (Tulsi Puja)

    मां तुलसी, जिन्हें वृंदा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में तुलसी पूजन का बहुत महत्व है। देवी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और वे भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है, और इस पूजा में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है।

    तुलसी पूजा का धार्मिक महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Tulsi Puja Significance)

    • श्री हरि कृपा की प्राप्ति - भगवान विष्णु को प्रिय होने की वजह से अक्षय तृतीया के दिन तुलसी की पूजा करने से उनका विशेष आशीर्वाद मिलता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाने और उनकी परिक्रमा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
    • माता लक्ष्मी का स्वरूप - देवी तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन देवी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं, जिससे घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
    • नकारात्मक ऊर्जा का अंत - तुलसी के पौधे में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। अक्षय तृतीया के दिन तुलसी पूजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही इससे घर में खुशहाली आती है।
    • समृद्धि का वास - तुलसी में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन तुलसी पूजा से अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का वरदान मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि तुलसी की नियमित पूजा से घर में भौतिक सुखों का वास होता है। साथ ही आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
    • शुभ फल की प्राप्ति - अक्षय तृतीया पर किए गए पुण्य कर्मों का फल कभी खत्म नहीं होता। इसलिए इस दिन तुलसी की पूजा और सेवा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।

    अक्षय तृतीया पर कैस करें तुलसी पूजा ? (Akshaya Tritiya 2025 Tulsi Puja Rituals)

    अक्षय तृतीया के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल रंग के कपड़े धारण करें। तुलसी के पौधे पर गंगाजल चढ़ाएं। उन्हें रोली, कुमकुम, 16 शृंगार की सामग्री, आटे का हलवा, हल्दी और चंदन चीजें अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं और तुलसी मंत्रों का जाप करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं। तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें और अंत में आरती करें।

    इस दिन तुलसी के पौधे में जल अवश्य अर्पित करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। तामसिक चीजों से दूरी बनाएं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।