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    Akshaya Navami 2025 Date: अक्षय नवमी कब है? यहां नोट करें मुहूर्त और महत्व

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 10:09 PM (IST)

    मां लक्ष्मी की महिमा अपरंपार है। अपने भक्तों पर मां लक्ष्मी विशेष कृपा बरसाती हैं। उनकी कृपा से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। देवी मां लक्ष्मी को श्रीफल अति प्रिय है। इसके लिए मां लक्ष्मी को (Akshaya Navami 2025) पूजा के समय देवी मां लक्ष्मी को नारियल अवश्य ही अर्पित करें।

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    Akshaya Navami 2025 Date: अक्षय नवमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह में अक्षय नवमी मनाई जाती है। यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन आंवले पेड़ को साक्षी मानकर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही आंवला पेड़ के नीचे भोजन पकाया जाता है। भोजन पकाने के बाद सबसे पहले भगवान विष्णु और महादेव को भोग लगाया जाता है।

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    धार्मिक मत है कि अक्षय नवमी के दिन व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर महिलाएं संध्याकाल तक व्रत रखती हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    अक्षय नवमी शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर होगी। वहीं,  नवमी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 03 मिनट पर होगा। ज्योतिष गणना अनुसार, 31 अक्टूबर को अक्षय नवमी मनाई जाएगी।

    अक्षय नवमी शुभ योग

    अक्षय नवमी पर दुर्लभ वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। वृद्धि योग रात भर है। इसकी शुरुआत सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर होगी। साथ ही रवि योग का भी संयोग है। रवि योग दिन भर है। इस योग में मां लक्ष्मी की उपासना करने से शुभ काम में सिद्धि मिलेगी। इसके अलावा, शिववास योग सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक है। शिववास योग के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करने से हर शुभ कार्य में सफलता मिलती है। 

    करण एवं नक्षत्र

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही कौलव और तैतिल करण के योग बन रहे हैं। ज्योतिष तैतिल और कौलव करण को शुभ मानते हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। मां लक्ष्मी की कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।