Akshay Navami पर कौन-सी वस्तुएं लाती हैं घर में स्थायी सुख-समृद्धि, जानिए क्या खरीदें क्या नहीं?
पंचांग के अनुसार, अक्षय नवमी का पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता है। ऐसे में इस बार अक्षय नवमी 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। चलिए एस्ट्रोलॉजर दिव्या गौतम जी से जानते हैं कि अक्षय नवमी के दिन किन चीजों को खरीदने से आपको लाभ मिल सकता है और किन चीजों को खरीदने से बचना चाहिए।

Akshay Navam 2025 किन चीजों को नहीं खरीदना चाहिए?
दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। अक्षय नवमी (Akshay Navami 2025) का दिन धर्म, सत्य और स्थायी समृद्धि का प्रतीक माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल कभी नष्ट नहीं होता। इसलिए इसे "अक्षय" कहा गया है। भगवान विष्णु ने इस दिन आंवले के वृक्ष में निवास किया था, इसलिए आंवले की पूजा और उसके नीचे भोजन करना अत्यंत मंगलकारी माना गया है। यह तिथि जीवन में स्थायी शांति, समृद्धि और पारिवारिक सुख का आशीर्वाद प्रदान करती है, इसलिए इसे पुण्य अर्जन और आध्यात्मिक उत्थान का श्रेष्ठ अवसर माना गया है।
अक्षय नवमी पर शुभ और अशुभ खरीदारी
अक्षय नवमी के दिन की गई हर शुभ क्रिया को अक्षय अर्थात् कभी समाप्त न होने वाला फलदायी माना गया है। यह तिथि केवल व्रत और पूजन के लिए ही नहीं, बल्कि शुभ वस्तुओं की खरीदारी के लिए भी अत्यंत मंगलकारी होती है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं घर में स्थायी समृद्धि और लक्ष्मी कृपा का आशीर्वाद लेकर आती हैं। हालांकि, कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जिन्हें इस दिन नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि वे शुभ ऊर्जा में बाधा डालती हैं। आइए जानते हैं अक्षय नवमी पर क्या खरीदें और किन चीजों से परहेज करें।

अक्षय नवमी पर क्या खरीदें -
- सोना, चांदी, तांबा या पीतल जैसी शुभ (auspicious purchases) धातुएं खरीदना मंगलकारी होता है।
- आंवले का पौधा लगाना या आंवले के वृक्ष की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दीपक, पूजा के पात्र, कलश और तुलसी का पौधा जैसी धार्मिक सामग्री खरीदना शुभ फल देता है।
- नई वस्तुएं खरीदते समय दान और धर्म से जुड़ी भावना रखना विशेष पुण्यदायी होता है।
अक्षय नवमी पर क्या न खरीदें -
- दिखावे या विलासिता की वस्तुएं जैसे फैशन आभूषण या महंगे कपड़े खरीदने से बचें।
- कर्ज लेकर खरीदारी करना इस दिन अशुभ माना गया है।
- अनावश्यक खर्च और भौतिक वस्तुओं की अति से दूर रहें।
- यह दिन संयम, श्रद्धा और सत्कर्म के माध्यम से स्थायी समृद्धि प्राप्त करने का प्रतीक है।
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लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।

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