Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Aja Ekadashi 2025 Vrat: अजा एकादशी व्रत में गलती से न खाएं ये चीजें, रखें इन बातों का ध्यान

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 12:16 PM (IST)

    अजा एकादशी का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। एकादशी व्रत हर महीने आती है। पंचांग को देखते हुए इस बार यह व्रत 19 अगस्त 2025 को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन (Aja Ekadashi 2025) व्रत करने के साथ भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।

    Hero Image
    Aja Ekadashi 2025 Vrat: अजा एकादशी व्रत के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अजा एकादशी का व्रत हर साल भाद्रपद महीने में एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह व्रत 19 अगस्त, 2025 को पड़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस व्रत को रखते हैं, उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। एकादशी का व्रत नारायण को बहुत ज्यादा प्रिय है, तो आइए अजा एकादशी व्रत (Aja Ekadashi 2025 Fast Rules) के नियम को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अजा एकादशी में क्या खाएं? (Aja Ekadashi 2025 Vrat Me Kya Khayein?)

    अजा एकादशी पर जो साधक व्रत रख रहे हैं, वे दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि चीजों को खा सकते हैं। वहीं, व्रती भगवान विष्णु की पूजा के बाद ही कुछ सेवन करें। इसके साथ ही प्रसाद बनाते समय सफाई का अच्छी तरह से ध्यान रखें।

    अजा एकादशी में क्या न खाएं? (Aja Ekadashi 2025 Vrat Me Kya Na Khayein?)

    अगर अजा एकादशी पर व्रत कर रहे हैं, तो अपने खाने का पूरा ध्यान दें, क्योंकि यह व्रत को सफल और असफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है। बता दें, व्रती को एकादशी व्रत के दिन भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस तिथि पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन, मसाले, तेल आदि से भी परहेज करना चाहिए।

    इसके साथ ही इस व्रत (Aja Ekadashi 2025 Significance) पर चावल और नमक का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन कर रहे हैं, तो इन सभी बातों का जरूर ध्यान रखें।

    प्रसाद अर्पित करने का मंत्र (Aja Ekadashi 2025 Bhog Mantra)

    अजा एकादशी पर भगवान विष्णु को भोग लगाते समय इस मंत्र ''त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।'' का जप करें। ऐसा करने से भगवान भोग स्वीकार कर लेते हैं। इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

    यह भी पढ़ें- Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी के दिन इस खास विधि से करें मां तुलसी की पूजा, जानें मंत्र और शुभ मुहूर्त

    यह भी पढ़ें- Aja Ekadashi 2025 Date: 19 या 20 अगस्त, किस दिन मनाई जाएगी अजा एकादशी? यहां पता करें सही डेट और शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।