Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी के दिन इस खास विधि से करें मां तुलसी की पूजा, जानें मंत्र और शुभ मुहूर्त

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 09:56 AM (IST)

    अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025) भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस साल यह 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन मां तुलसी की पूजा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को बेहद प्रिय हैं।

    Hero Image
    Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी की पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना है। यह सभी एकादशी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस साल अजा एकादशी 19 अगस्त, 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025 2025) पर मां तुलसी की पूजा का बड़ा महत्व है,

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है और उन्हें मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, तो आइए इस पावन तिथि पर देवी तुलसी की पूजा कैसे करनी है? इस आर्टिकल में जानते हैं।

    अजा एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

    पंचांग गणना के आधार पर भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को शाम 05 बजकर 22 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 19 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में 19 अगस्त को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

    मां तुलसी की पूजा विधि (Tulsi Puja Rituals)

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    • पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
    • भगवान विष्णु और मां तुलसी की पूजा का संकल्प लें।
    • इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित न करें। मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता स्वयं भी व्रत करती हैं, इसलिए उन्हें जल नहीं देना चाहिए।
    • तुलसी को जल चढ़ाना हो, तो एकादशी से एक दिन पूर्व ही चढ़ा लें।
    • सुबह और शाम तुलसी के समक्ष दीपक जलाएं।
    • तुलसी जी को लाल चुनरी और शृंगार का सामान अर्पित करें।
    • 11, 21, या 108 बार तुलसी जी परिक्रमा करें।
    • परिक्रमा करते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' या 'जय जय तुलसी माता' जैसे मंत्रों का जाप करें।
    • भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें।
    • अंत में आरती करें और निर्जला एकादशी कथा का पाठ करें।

    तुलसी पूजा मंत्र (Tulsi Puja Mantra)

    1. वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

    पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

    एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

    य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

    2. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी,

    आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    यह भी पढ़ें - Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी के दिन करें देवी तुलसी की खास पूजा, दूर होंगे सभी कष्ट

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।