Abujh Muhurat 2025: बिना शुभ समय देखे इन दिनों पर कर सकते हैं शादी, जानिए इस साल के अबूझ मुहूर्त
धर्म-कर्म से जुड़े कार्यों के लिए जरूरी रूप से मुहूर्त देखा जाता है। लेकिन हिंदू धर्म में कुछ अबूझ मुहूर्त भी माने गए हैं जिन पर बिना मुहूर्त के विवाह सगाई गृह प्रवेश और मुंडन जैसे कार्य किए जा सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में कब-कब अबूझ मुहूर्त (naye saal ke Abujh Muhurat) 2025 पड़ रहे हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य खासकर विवाह आदि के लिए पंचांग द्वारा शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्तों में किए गए कार्यों का व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम ही मिलता है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी तिथि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनपर आप बिना शुभ मुहूर्त देखे भी विवाह कर सकते हैं।
कौन-कौन से दिन हैं अबूझ मुहूर्त
हिंदू धर्म में ऐसे 05 विशेष दिन माने गए हैं, जब आपको पंचांग द्वारा शुभ मुहूर्त देखने की कोई जरूरत नहीं है। इन्हें 'सिद्ध मुहूर्त' के नाम से भी जाना जाता है। इसमें वसंत पंचमी, फुलेरा दूज, अक्षय तृतीया, विजयादशमी और देवउठनी एकादशी शामिल है।
साल 2025 के अबूझ मुहूर्त (Abujh vivah muhurat 2025)
बसंत पंचमी - पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में इस इस साल वसंत पंचमी का त्यौहार रविवार, 02 फरवरी को मनाया जाएगा, जो एक अबूझ मुहूर्त भी है।
फुलेरा दूज - फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से मथुरा में होली की शुरुआत होती है। ऐसे में इस 2025 में फुलेरा दूज का पर्व शनिवार, 01 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह आदि जैसे कार्य किए जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया - यह भी एक अबूझ मुहूर्त है, जो हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं। ऐसे में इस साल अक्षय तृतीया बुधवार, 30 अप्रैल को मनाई जाएगी ।
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विजयादशमी - विजयादशमी वह दिन है जब भगवान राम ने रावण पर विजय हासिल की थी। इसे भी एक सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। ऐसे में साल 2025 में विजयादशमी का पर्व गुरुवार, 02 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
देवउठनी एकादशी - देवउठनी एकादशी एक ऐसा दिन है, जब विवाह करना काफी शुभ माना जाता है। हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है, जो इस बार 01 नवंबर को है।
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