Aaj Ka Panchang 30 March 2025: इन शुभ योग में हुई चैत्र नवरात्र की शुरुआत, नोट करें शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आज चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 30 March 2025) और राहुकाल का समय जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang Chaitra Navratri 2025: आज से चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं। यह पर्व पूर्ण रूप से मां दुर्गा को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें बुद्धि, ज्ञान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (30 March 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 30 March 2025: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - वसंत
चन्द्र राशि - मीन
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट पर
चन्द्रोदय - सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर
चन्द्रास्त - रात 07 बजकर 43 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग - दोपहर 04 बजकर 35 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 00 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - दोपहर 05 बजकर 08 मिनट से शाम 06 बजकर 43 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से शाम 05 बजकर 06 मिनट तक।
दिशा शूल - पश्चिम
ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन।
करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
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