Aaj ka Panchang 30 June 2025: आज मनाई जा रही है स्कंद षष्ठी, पंचांग से जानें शुभ-अशुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 30 जून को महीने का आखिरी सोमवार पड़ रहा है जिसके बाद नए माह की शुरुआत होगी। आज स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जा रहा है। स्कंद षष्ठी के दिन कई योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज के शुभ और अशुभ (Aaj ka Panchang 30 June 2025) मुहूर्त के बारे में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 30 जून को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। हर महीने में इस तिथि पर स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही आज गुप्त नवरात्र का पांचवां दिन है। यह दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। पंचमी तिथि पर कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 30 June 2025) और शुभ मुहूर्त के बारे में।
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तिथि: शुक्ल पंचमी
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
तिथि: पंचमी प्रात: 09 बजकर 23 मिनट तक
योग: सिद्धि शाम 05 बजकर 21 मिनट तक
करण: बलव रात्रि 09 बजकर 23 मिनट तक
करण: कौलव रात्रि 09 बजकर 46 मिनट तक
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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चंद्रोदय: सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर
चन्द्रास्त: रात 11 बजकर 07 मिनट पर
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: सिंह
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
अमृत काल: 30 जून से प्रात: 04 बजकर 52 मिनट से प्रात: 06 बजकर 31 मिनट तक जून
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक
यमगंडा: प्रात: 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक
राहु काल: प्रात: 07 बजकर 11 मिनट से प्रात: 08 बजकर 56 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव माघ नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
माघ नक्षत्र: प्रात: 07 बजकर 20 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: अधिकारप्रिय स्वभाव, अहंकार, राजसी व्यवहार, भोग-विलास प्रिय, सौंदर्यप्रियता, सहज समृद्धि, क्रोधी स्वभाव और इंद्रिय-सुखों की ओर आकर्षण
नक्षत्र स्वामी: केतु
राशि स्वामी: सूर्य
देवता: पितृ (पूर्वज)
प्रतीक: राजसिंहासन
भगवान कार्तिकेय मंत्र
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
3.नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय
तस्मै नकाराय नमः शिवाय।
4. जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं,
प्रभो पाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
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