Aaj ka Panchang 29 May 2025: गुरुवार के दिन बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त
आज यानी गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन पर प्रभु श्रीहरि की आराधना व व्रत करने से साधक की मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। ऐसे में चलिए पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का पंचांग।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज गुरुवार 29 मई के दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर बहुत से शुभ और अशुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो व्यक्ति को अलग-अलग फल प्रदान करते हैं। आइए एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 27 May 2025) पंचांग।
आज का पंचांग (Panchang 29 May 2025)
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि - रात 11 बजकर 18 मिनट तक
संवत - 2082
नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा
योग - सुकर्मा रात 10 बजकर 54 बजे तक
करण
किंस्तुघ्ना - शाम 6 बजकर 45 मिनट तक
बव - 28 मई प्रातः 5 बजकर 02 मिनट तक
वार - मंगलवार
ऋतु - ग्रीष्म
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 7 बजकर 13 मिनट पर
चंद्रोदय - सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर
चंद्रास्त - रात 9 बजकर 59 मिनट पर
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से दोपहर 3 बजकर 46 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 8 बजकर 52 मिनट से सुबह 10 बजकर 35 मिनट तक
यमगंडा - सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 8 मिनट तक
दिन के विशेष अशुभ समय खंड: एक सरल समझ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हर दिन में कुछ विशेष समय खंड जैसे राहुकाल, यमगंड और भद्राकाल को अशुभ माना जाता है, जिनमें कोई नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
राहुकाल -
यह समय राहु देव से संबंधित माना जाता है, जो ज्योतिष में भ्रम, अनिश्चितता, और अप्रत्याशित घटनाओं के प्रतीक हैं। इसलिए राहुकाल को अशुभ माना गया है और इस दौरान कोई भी नया कार्य, यात्रा, निवेश या महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
यह काल मानसिक अशांति या असफलता का कारण बन सकता है, इसलिए सावधानी आवश्यक होती है। हालांकि, यह समय आत्मचिंतन, ध्यान, मंत्र जप, और आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है, जिससे व्यक्ति को आंतरिक शांति और राहु की अनुकूलता प्राप्त हो सकती है।
यम गण्ड -
यह समय यम देव से संबंधित होता है, जो मृत्यु और नियति के देवता माने जाते हैं। यमगंड काल को ज्योतिष में अशुभ माना जाता है, इसलिए इस समय में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत या यात्रा करना उचित नहीं होता।
यह समय अच्छे परिणाम देने के बजाय समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, यमगंड काल का उपयोग आत्मनियंत्रण, संयम, और धैर्य की साधना के लिए किया जा सकता है, क्योंकि यह समय मानसिक शक्ति और आत्म-नियंत्रण बढ़ाने के लिए उपयुक्त होता है।
गुलिक काल -
यह काल शनि देव के पुत्र गुलिक से संबंधित होता है, और कुछ परंपराओं में इसे निरपेक्ष या मध्यम रूप से शुभ माना गया है। कई ज्योतिष ग्रंथों में इस समय को दीर्घकालिक कार्यों, जैसे किसी बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत, या आध्यात्मिक अभ्यास, साधना और साधारण कार्यों के लिए उपयुक्त बताया गया है। इस समय में कार्यों में बाधाएं कम होती हैं और यह दीर्घकालिक सफलता का रास्ता खोल सकता है।
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इन बातों का रखें ध्यान -
ये समय खंड किसी भय या अशुभता का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि एक ऊर्जात्मक सावधानी (जब ऊर्जा थोड़ी अनियमित या अशांत हो सकती है) का संकेत देते हैं। यदि आप कोई विशेष या शुभ कार्य आरंभ करना चाहें, तो इन समयों को टालना बेहतर हो सकता है, लेकिन ये किसी भी रूप में बाधक नहीं हैं। सर्व समर्थ ईश्वर का नाम सभी कालों से सर्वोपरि है।
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे
आर्द्रा नक्षत्र - रात्रि 10:38 बजे तक
सामान्य विशेषताएं - दुख या विषाद, विनाशकारी शक्ति, परिवर्तन, भावनात्मक तीव्रता, तीव्र क्रोध, अहंकार
नक्षत्र स्वामी - राहु
राशि स्वामी - बुध
देवता - रुद्र (भगवान शिव)
प्रतीक - अश्रु बिंदु (आंसू की बूंद)
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