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    Aaj ka Panchang 28 April 2025: सोमवार को इन शुभ योग में होगी महादेव की पूजा, पंचांग से जानिए शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 09:02 AM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 28 अप्रैल को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। सनातन धर्म में सोमवार के दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। प्रतिपदा तिथि पर कई शुभ-अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

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    Aaj ka Panchang 28 April 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 28 अप्रैल को सोमवार व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विधिपूर्वक सोमवार व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है। साथ ही महादेव की कृपा बरसती है। सोमवार व्रत के दिन कई शुभ और अशुभ योग भी बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।

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    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 28 April 2025)

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट पर

    चंद्रोदय- सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर

    चंद्रास्त- रात 07 बजकर 48 मिनट पर

    वार - सोमवार

    ऋतु - ग्रीष्म

    शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 16 मिनट से 05 बजे तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 07 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 01 मिनट तक

    गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

    शिव मंत्र

    1. सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

    उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

    परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

    वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

    हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

    एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।