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    Aaj ka Panchang 26 April 2025: मासिक शिवरात्रि के दिन इन शुभ योग में होगी महादेव की पूजा, पढ़ें पंचांग

    हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान भी किया जाता है। इस दिन कई शुभ और अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

    By Jagran News Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 26 Apr 2025 07:56 AM (IST)
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    Aaj ka Panchang 26 April 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। हर महीने इस खास तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए विधिपूर्वक व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल रहता है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है। मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।

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    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 26 April 2025)

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट पर

    चंद्रोदय- सुबह 05 बजकर 03 मिनट पर

    चंद्रास्त- शाम 05 बजकर 24 मिनट पर

    वार - शनिवार

    ऋतु - वसंत

    यह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि की पूजा में जरूर करें शिव जी के नामों का जप, बनी रहेगी कृपा

    शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 18 मिनट से 05 बजकर 01 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 52 मिनट से 07 बजकर 14 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 09 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 40 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 05 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 23 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

    शिव मूल मंत्र

    ॐ नमः शिवाय॥

    रूद्र मंत्र

    ॐ नमो भगवते रूद्राय ।

    रूद्र गायत्री मंत्र

    ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय

    धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    महामृत्युंजय मंत्र

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।