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    Aaj Ka Panchang 20 June 2025: एक क्लिक में जानिए शुक्रवार के शुभ योग, मुहूर्त और पंचांग

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 08:56 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj Ka Panchang 20 June 2025) पंचांग व शुभ-अशुभ मुहूर्त के विषय में।

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    Aaj Ka Panchang 20 June 2025: आज का पंचांग।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। Aaj Ka Panchang 20 June 2025: आज शुक्रवार का दिन है। यह माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन-दौलत, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। आज के दिन (20 June 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

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    Aaj Ka Panchang 20 June 2025: आज का पंचांग -

    सूर्य राशि - मिथुन

    चंद्र राशि - मीन

    पक्ष - कृष्ण

    तिथि - नवमी प्रात: 09:49 बजे तक

    योग - शोभना रात्रि 11:47 बजे तक

    करण - गरज प्रात: 09:49 बजे तक

    करण - वनिज रात्रि 08:36 बजे तक।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

    चन्द्रोदय - दोपहर 01 बजकर 29 मिनट पर

    चंद्रास्त - देर रात 01 बजकर 56 मिनट पर

    शुभ मुहूर्त

    अभिजीत - सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक

    अमृत काल - शाम 07:30 बजे से रात्रि 09:00 बजे तक।

    अशुभ समय

    गुलिक काल - सुबह 07:08 बजे से प्रात: 08:53 बजे तक

    यमगंडा - दोपहर 03:52 बजे से शाम 05:37 बजे तक

    राहु काल - सुबह 10:38 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक

    आज का नक्षत्र

    आज चंद्रदेव रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

    रेवती नक्षत्र - रात्रि 09:45 बजे तक

    सामान्य विशेषताएं - ईमानदार, आकर्षक व्यक्तित्व, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, आशावादी, सुंदर, सफल, बुद्धिमान, शिक्षित और मानवता में गहरी आस्था

    नक्षत्र स्वामी - बुध

    राशि स्वामी - बृहस्पति

    देवता - पूसन (पोषणकर्ता)

    प्रतीक - मछली

    करें इन मंत्रों का जाप

    1. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

    धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

    2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

    3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

    4. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः

    5. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:

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    Note - यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।