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    Aaj ka Panchang 20 February 2025: कालाष्टमी पर ध्रुव योग समेत बन रहे हैं कई दुर्लभ संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Feb 2025 06:00 AM (IST)

    हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शबरी जयंती मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही कालाष्टमी पर्व पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव के निमित्त व्रत रखा जाता है। आइए आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 2025) जानते हैं।

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    Aaj ka Panchang 20 February 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 20 फरवरी को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस शुभ अवसर पर कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी और शबरी जयंती मनाई जा रही है। मासिक कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा की जा रही है। साथ ही उनके निमित्त कालाष्टमी का व्रत रखा जा रहा है। काल भैरव देव की पूजा करने से जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख, भय और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।

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    फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। इस योग में महादेव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही काल भैरव देव की कृपा बरसेगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 20 February 2025)

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 55 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 15 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 10 बजे तक
    • राहुकाल - दोपहर 02 बजे से 03 बजकर 25 मिनट तक
    • गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 10 मिनट तक
    • दिशा शूल - दक्षिण

    ताराबल

    भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

    चन्द्रबल

    वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

    काल भैरव के मंत्र

    1. ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं।

    2. ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं।

    3. ॐ ह्रीं बटुक! शापम विमोचय विमोचय ह्रीं कलीं।

    4. र्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम् ।

    द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये ।।

    5. ॐ नमो भैरवाय स्वाहा।

    योग 

    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह की कालाष्टमी पर ध्रुव, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शिववास का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही बव, बालव एवं कौलव करण के संयोग हैं। वहीं, विशाखा और अनुराधा नक्षत्र में कालाष्टमी मनाई जाएगी। इन योग योग में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा। 

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।