Aaj ka Panchang 18 June 2025: कालाष्टमी और मासिक जन्माष्टमी का संयोग, पढ़ें आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 18 जून को कालाष्टमी (Kalashtami 2025) और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत किया जा रहा है। इस खास तिथि पर कई योग का निर्माण हो रहा है जिनमें पूजा करने का विशेष महत्व है। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang) के बारे में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 18 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। साथ ही आज कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भी मनाया जा रहा है। कालाष्टमी के दिन काल भैरव और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन पूजा करने के बाद दान जरूर करें। ऐसा माना जाता है कि दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं। वहीं, सप्तमी तिथि पर कई योग भी बन रहे है। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग (Aaj ka Panchang 18 June 2025) के बारे में।
तिथि: कृष्ण सप्तमी
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: बुधवार
संवत्: 2082
तिथि: सप्तमी दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक
योग: प्रीति प्रात: 07 बजकर 40 मिनट तक
करण: बावा दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक
करण: 19 जून को बलवा प्रात: 12 बजकर 48 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
चंद्रोदय: रात 12 बजकर 24 मिनट पर
चन्द्रास्त: सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: कुंभ
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत: कोई नहीं
अमृत काल: शाम 04 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 09 मिनट तक
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अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 10 बजकर 07 मिनट से दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक
यमगंडा: प्रात: 07 बजकर 08 मिनट से दोपहर 08 बजकर 53 मिनट तक
राहु काल: दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से दोपहर 02 बजकर 07 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
पूर्व भाद्रपद नक्षत्र: 19 जून को प्रातः 12 बजकर 23 मिनट
सामान्य विशेषताएं: बुद्धिमान, लोभी, ईर्ष्यालु, क्रोधी, कला प्रेमी, प्रतिभाशाली वक्ता, संगीत प्रेमी और ईमानदार
नक्षत्र स्वामी: बृहस्पति
राशि स्वामी: शनि, बृहस्पति
देवता: अज एकपद (अग्नि ड्रैगन)
प्रतीक: शव वाहन (शव ले जाने वाला वाहन)
भगवान कृष्ण के मंत्र -
ॐ कृष्णाय नमः
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
ओम क्लीम कृष्णाय नमः
गोकुल नाथाय नमः
ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
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