Aaj ka Panchang 17 July 2025: सावन कृष्ण जन्माष्टमी और कालाष्टमी का शुभ संयोग, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
आज यानी 17 जुलाई को सावन कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस अवसर पर पूजा और दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही शुभ परिणाम मिलते हैं। आज कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 17 July 2025) पंचांग।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 17 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी है। इस दिन सावन कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर काल भैरव देव और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूजा करने से साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 17 July 2025) और ग्रहों की स्थिति के बारे में।
तिथि: कृष्ण सप्तमी
मास पूर्णिमांत: श्रावन
दिन: गुरुवार
संवत्: 2082
यह भी पढ़ें: Sawan Shivratri 2025 Date: कब और क्यों मनाई जाती है सावन शिवरात्रि? अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त
तिथि: कृष्ण सप्तमी सायं 07 बजकर 08 मिनट तक
योग: अतिगंड प्रात: 09 बजकर 29 मिनट तक
करण: विष्टि प्रात: 08 बजकर 07 मिनट तक
करण: बव सायं 07 बजकर 08 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 34 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
चंद्रोदय: रात 11 बजकर 30 मिनट पर
चन्द्रास्त: 18 जुलाई को प्रात: 11 बजकर 49 मिनट पर
सूर्य राशि: कर्क
चंद्र राशि: मीन
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक
अमृत काल:18 जुलाई को रात्रि 01 बजकर 22 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: प्रात: 09 बजकर 01 बजे से 10 बजकर 44 मिनट तक
यमगंड काल: प्रात: 05 बजकर 34 मिनट से 07 बजकर 17 मिनट तक
राहु काल: दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 54 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे..
रेवती नक्षत्र: 18 जुलाई को रात्रि 03 बजकर 39 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: चतुर, ईमानदार, अध्ययनशील, लचीला, आकर्षक व्यक्तित्व, कूटनीतिज्ञ, चंचल मन, सुंदर, ऐश्वर्यवान, सफल, बुद्धिमान, नैतिक, समृद्ध और विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण
नक्षत्र स्वामी: बुध
राशि स्वामी: बृहस्पति
देवता: पूसन (पोषणकर्ता)
प्रतीक: मछली
भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र
1. ॐ कृष्णाय नमः
2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
4. ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
5. ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
यह भी पढ़ें: भोलेनाथ के त्रिनेत्र और त्रिशूल का है प्रतीक बेलपत्र, जानें शिव पूजा में इसका महत्व और कैसे हुई उत्पत्ति
यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है. सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।