Sawan Shivratri 2025 Date: 23 या 24 जुलाई, कब मनाई जाएगी सावन शिवरात्रि? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
सावन का महीना देवों के देव महादेव को बेहद प्रिय है। सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2025) के अवसर पर शिव जी और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, पांचवे महीने को सावन के नाम से जाना जाता है। इस माह को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए बेहद खास माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही शिव जी की कृपा से मनचाहा वर मिलता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह (Sawan Shivratri 2025) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन कांवड़ यात्रा का जल चढ़ता है।
सावन शिवरात्रि डेट और शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri 2025 Date and Shubh Muhurat)
सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत- 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर
सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन- 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर
ऐसे में इस बार सावन शिवरात्रि 23 जुलाई मनाई जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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सावन शिवरात्रि का महत्व (Sawan Shivratri 2025 Significance)
हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष का महादेव ने पान किया था। इस विष से महादेव का गला जलने लगा, तो सावन शिवरात्रि के दिन देवताओं ने महादेव का अभिषेक किया था। इसी वजह से महादेव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है और इसलिए सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न
भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का गाजल से अभिषेक करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस दिन अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान भी जरूर करना चाहिए। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
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