Aaj ka Panchang 17 December 2024: आज बन रहा है मंगलकारी त्रिपुष्कर योग, पढ़ें दैनिक पंचांग
आज यानी मंगलवार 17 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज इस तिथि पर कई शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं जो साधक को सकारात्मक या फिर नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 2024) के अनुसार आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल के विषय में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 17 December 2024 आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया पर कुछ शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जो जिन्हें काफी लाभकारी माना जाता है। इन योग में किए गए कार्यों का साधक को शुभ फल प्राप्त होता है। तो चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग।
आज का पंचांग (Panchang 17 December 2024)
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि समाप्त - सुबह 12 बजे
नक्षत्र - पुनर्वसु
वार - मंगलवार
ऋतु - हेमंत
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट पर
चंद्रोदय - शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
चन्द्रास्त - सुबह 09 बजकर 07 मिनट पर
चन्द्र राशि - मिथुन
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 13 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 18 दिसंबर रात 12 बजकर 45 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक
त्रिपुष्कर योग - सुबह 07 बजकर 08 मिनट से सुबह 10 बजकर 56 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से दोपहर 04 बजकर 13 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक
दिशा शूल - उत्तर
विडाल योग - सुबह 07 बजकर 08 मिनट से 18 दिसंबर मध्य रात्रि 12 बजकर 44 मिनट तक
भद्रा - रात्रि 11 बजकर 25 मिनट से 18 दिसंबर सुबह 07 बजकर 08 मिनट तक
यह भी पढ़ें - Lohri 2025: कब और क्यों मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार, जानिए इसका महत्व
नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल
भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मेष, मिथुन, सिं अस्वीकरण: ह, कन्या, धनु, मकर
यह भी पढ़ें - Bhanu Saptami 2024: कब है साल की आखिरी भानु सप्तमी? ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।