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    Aaj ka Panchang 17 April 2025: गुरुवार के दिन बन रहे हैं ये शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार आज गुरुवार 17 अप्रैल के दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन पर कई तरह के शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं जिसमें किए गए काम व्यक्ति को अलग-अलग परिणाम देते हैं। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) और शुभ मुहूर्त के बारे में।

    By Jagran News Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 17 Apr 2025 08:37 AM (IST)
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    Aaj ka Panchang 17 April 2025 पढ़िए आज का पंचांग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन मुख्य रूप से जगत के पालनहार भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन पर कई भक्त व्रत भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि गुरुवार के दिन विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने से साधक को प्रभु श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं गुरुवार का पंचांग और जानते हैं आज का राहुकाल और शुभ मुहूर्त का समय।

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    आज का पंचांग (Panchang 17 April 2025)

    वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त - दोपहर 03 बजकर 30 बजे तक

    नक्षत्र - ज्येष्ठा

    वार - गुरुवार

    ऋतु - वसंत

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट पर

    चंद्रोदय - रात 10 बजकर 39 मिनट तक

    चन्द्रास्त - सुबह 08 बजकर 29 मिनट पर

    चन्द्र राशि - वृश्चिक

    (Picture Credit: Freepik)

    शुभ समय

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट से शाम 07 बजकर 17 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 14 मिनट से देर रात 01 बजकर 59 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 14 मिनट से रात 12 बजकर 59 मिनट तक

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    अशुभ समय

    राहुकाल - दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से दोपहर 03 बजकर 42 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक

    विंछुड़ो - पूरे दिन

    गण्ड मूल - पूरे दिन

    दिशा शूल - दक्षिण

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल

    अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।