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    Aaj ka Panchang 14 April 2025: मेष संक्रांति पर बन रहे हैं कई शुभ योग, एक क्लिक में पढ़िए पंचांग

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 09:02 AM (IST)

    आज यानी 14 अप्रैल के दिन कई शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। साथ ही आज सोमवार व्रत भी किया जा रहा है। सनातन धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

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    Aaj ka Panchang 14 April 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज सोमवार व्रत किया जा रहा है। सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। आज यानी 14 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जा रही है। साथ ही सोमवार व्रत पर कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा मेष संक्रांति के दिन खरमास का समापन हो रहा है और शुभ और मांगलिक काम की शुरुआत होगी। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।

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    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 14 April 2025)

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर

    चंद्रोदय - रात 08 बजकर 07 मिनट पर

    चन्द्रास्त - सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर

    यह भी पढ़ें: Surya Gochar May 2025: सूर्य के राशि परिवर्तन से इन राशियों पर पड़ेगा बुरा असर, फूंक-फूंककर रखें कदम

    वार - सोमवार

    ऋतु - वसंत

    शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 07 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 43 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक

    अमृत काल - दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से 04 बजकर 07 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक

    गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर

    शिव मंत्र (Shiv Mantra)

    1. सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

    उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

    परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

    वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

    हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

    एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।

    2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    3. नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।

    4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    5. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    यह भी पढ़ें: Weekly Vrat Tyohar 14 To 20 April 2025: कब है मेष संक्रांति और संकष्टी चतुर्थी? जानें व्रत की सही डेट

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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