Aaj Ka Panchang 12 June 2025: आज से हुई आषाढ़ महीने की शुरुआत, एक क्लिक में पढ़ें शुभ योग और पंचांग
पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj Ka Panchang 12 June 2025) पंचांग व शुभ-अशुभ मुहूर्त के विषय में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। Aaj Ka Panchang 12 June 2025: आज आषाढ़ महीने का पहला दिन है। यह भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन-दौलत, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। आज के दिन (12 June 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 12 June 2025: आज का पंचांग
ऋतु - ग्रीष्म
सूर्य राशि - वृषभ
चंद्र राशि - धनु
पक्ष - शुक्ल
तिथि - प्रतिपद दोपहर 02:27 बजे तक
योग - शुभ दोपहर 02:05 बजे तक
करण - कौलव दोपहर 02:27 बजे तक
करण - तैतिल प्रात: 02:56 बजे तक, जून 13
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
चन्द्रोदय - शाम 08 बजकर 35 मिनट पर
चंद्रास्त - सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
अभिजीत - सुबह 11:53 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक।
अशुभ समय
गुलिक काल - सुबह 08:52 बजे से सुबह 10:36 बजे तक
यमगंडा - सुबह 05:23 बजे से सुबह 07:07 बजे तक
राहु काल - दोपहर 02:06 बजे से दोपहर 03:50 बजे तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव मूल नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
मूल नक्षत्र - रात 09:57 बजे तक
सामान्य विशेषताएं - क्रोधी स्वभाव, आक्रामक, धर्मनिष्ठ, ईमानदार, आत्मबोध, मोक्ष की इच्छा,त्याग की प्रवृत्ति, आध्यात्मिक झुकाव, ज्ञान का भंडार
नक्षत्र स्वामी - केतु
राशि स्वामी - बृहस्पति
देवता - निरति (विनाश की देवी)
प्रतीक - पेड़ की जड़ें
करें इन मंत्रों का जाप
1. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
4. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः
5. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
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Note - यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
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