Aaj ka Panchang 10 July 2025: गुरु पूर्णिमा पर कई बन रहे कई शुभ-अशुभ योग, एक क्लिक में पढ़ें पंचांग
धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। वेदव्यास जी का आभार प्रकट किया जाता है। इस दिन गुरु की उपासना भी करनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा के दिन कई योग भी बन रहे हैं। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 10 July 2025) पंचांग।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 10 जुलाई को आषाढ़ माह की पूर्णिमा ( Guru Purnima 2025 Date) तिथि है। इसे आषाढ़ पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का खास महत्व है। गुरु पूर्णिमा के पर्व महर्षि वेदव्यास के सम्मान मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन महर्षि वेदव्यास का अवतार हुआ था। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन कई योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 09 July 2025) और शुभ योग के बारे में।
(Pic Credit - Freepik)
तिथि: शुक्ल पूर्णिमा
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: गुरुवार
संवत्: 2082
तिथि: 11 जुलाई पूर्णिमा प्रात: 02 बजकर 06 मिनट तक
योग: इंद्र रात्रि 09 बजकर 38 मिनट तक
करण: विष्टि दोपहर 01 बजकर 55 मिनट तक
करण: 11 जुलाई बव प्रात: 02 बजकर 06 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Guru Purnima 2025: पितृ दोष दूर करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन इन स्थानों पर जलाएं दीपक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चंद्रोदय: शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
चन्द्रास्त: कोई नहीं
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: धनु
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक
अमृत काल: 11 जुलाई को प्रात: 12बजकर 55 बजे से प्रात: 02 बजकर 35 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: प्रात: 08 बजकर 59 बजे से प्रात: 10 मिनट 43 बजे तक
यमगंड: प्रात: 05 बजकर 31 बजे से प्रात: 07:15 मिनट तक
राहु काल: दोपहर 02 बजकर 10 बजे से दोपहर 03 मिनट 54 बजे तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
पूर्वाषाढ़ नक्षत्र: पूर्ण रात्रि
सामान्य विशेषताएं: लोकप्रिय, धार्मिक, आध्यात्मिक, साहसी, हंसमुख, बुद्धिमान, सलाहकार, दयालु, उदार, वफादार मित्र, खतरनाक शत्रु, लंबा कद, यात्रा प्रिय और विलासिता
नक्षत्र स्वामी: शुक्र
राशि स्वामी: बृहस्पति
देवता: अपस (ब्रह्मांडीय महासागर)
प्रतीक: हाथी का दांत और पंखा
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करने का विशेष अवसर है। यह आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु का पूजन कर आशीर्वाद लेते हैं। मान्यता है कि इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने वेदों का विभाजन और महाभारत की रचना की। इस दिन ज्ञान, शिक्षा और मार्गदर्शन के लिए गुरु का महत्व समझाया जाता है।
व्यास पूजा
व्यास पूजा गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास के सम्मान में की जाती है। इस पूजा में महर्षि वेदव्यास को साक्षात ज्ञान के अवतार के रूप में मानकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने वेद, पुराण और महाभारत जैसे ग्रंथों की रचना कर मानवता को अद्भुत ज्ञान प्रदान किया। इसलिए इस दिन आचार्य, गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक का पूजन कर वेदव्यास जी का आभार प्रकट किया जाता है।
आषाढ़ पूर्णिमा
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण धार्मिक तिथि है। इस दिन कई जगह गुरु पूर्णिमा और व्यास पूजा के अनुष्ठान होते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन नदियों और तीर्थों में स्नान, व्रत, दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। यह दिन वर्षा ऋतु की शुरुआत और धरती के हरीतिमा से भरने का भी संकेत देता है।
पूर्णिमा अवधि-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 10 जुलाई को प्रातः 01 बजकर 36 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 11 जुलाई को प्रातः 02 बजकर 06 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Guru Purnima पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, जरूर रखें इन बातों का ध्यान
यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है. सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।