Aaj Ka Panchang 06 April 2025: राम नवमी पर बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, नोट करें शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आज चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रात 07 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 06 April 2025) और राहुकाल का समय जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang Ram Navami 2025: आज राम नवमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान राम को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें बुद्धि, ज्ञान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (06 April 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 06 April 2025: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रात 07 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - वसंत
चन्द्र राशि - कर्क
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 18 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
चन्द्रोदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर
चन्द्रास्त - रात 09 बजकर 03 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
रवि योग - पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
रवि पुष्य योग - पूरे दिन
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 00 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - दोपहर 05 बजकर 11 मिनट से 06 बजकर 49 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 10 मिनट तक।
दिशा शूल - पश्चिम
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
चन्द्रबल
वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुंभ।
करें इन मंत्रों का जाप
1. ॐ श्री राम जय राम जय जय राम।।
2. राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे,
सहस्त्र नाम तत् तुल्यं राम नाम वरानने।।
3. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।
4. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
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