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    Aaj Ka Panchang 04 January 2025: आज है शनिवार, नोट करें शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग

    आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 10 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 04 January 2025) और राहुकाल का समय जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 04 Jan 2025 08:24 AM (IST)
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    Aaj Ka Panchang 04 January 2025: आज का पंचांग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang 04 January 2025: आज शनिवार का दिन है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान शनि को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (Saturday Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

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    Aaj Ka Panchang 04 January 2025: आज का पंचांग -

    पंचांग के अनुसार, आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 10 बजकर 05 मिनट तक रहेगी।

    ऋतु - शरद

    चन्द्र राशि - वृश्चिक

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 29 मिनट पर

    चन्द्रोदय - सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर

    चन्द्रास्त - रात 10 बजकर 13 मिनट पर

    शुभ मुहूर्त

    रवि योग - रात 09 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक।

    अशुभ समय

    राहु काल - सुबह 09 बजकर 53 मिनट से 11 बजकर 15 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 16 मिनट से 08 बजकर 37 मिनट तक।

    दिशा शूल - पूर्व

    ताराबल

    अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद।

    चन्द्रबल

    मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ।

    शनि देव पूजन मंत्र

    1. ॐ शं शनैश्चराय नमः॥

    2. ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः॥

    3. ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।