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Vat Savitri Vrat 2019: वट सावित्री व्रत आज, जानें उपवास एवं पूजा की संपूर्ण विधि तथा अर्घ्य देने का मंत्र

Vat Savitri Vrat 2019अमावस्या को वट वृक्ष के समीप बैठकर बांस के एक पात्र में सप्तधान्य भरकर उसे दो वस्त्रों से ढक दें।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 05:42 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 09:04 AM (IST)
Vat Savitri Vrat 2019: वट सावित्री व्रत आज, जानें उपवास एवं पूजा की संपूर्ण विधि तथा अर्घ्य देने का मंत्र
Vat Savitri Vrat 2019: वट सावित्री व्रत आज, जानें उपवास एवं पूजा की संपूर्ण विधि तथा अर्घ्य देने का मंत्र

Vat Savitri Vrat 2019: वट सावित्री व्रत स्कन्द और भविष्योत्तर के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को और निर्णयामृतादि के अनुसार अमावस्या को किया जाता है। इस देश में प्रायः अमावस्या को ही होता है। संसार की सभी स्त्रियों में से ऐसी कोई शायद ही हुई होगी, जो सावित्री के समान अपने अखण्ड पतिव्रत और दृढ़ प्रतिज्ञा के प्रभाव से यमद्वार पर गए हुए पति को सदेह लौटा लायी हो।अतः विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को सावित्री का व्रत अवश्य करना चाहिए। जैसा कि धर्म का वचन है-

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नारी वा विधवा वापि पुत्रीपुत्रविवर्जिता।

सभर्तृका सपुत्रा वा कुर्याद् व्रतमिदं शुभम्।।

वट सावित्री व्रत विधि

वट सावित्री व्रत की विधि यह है कि ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी को प्रातः स्नानादि के पश्चात् 

'मम वैधव्यादिसकलदोषपरिहारार्थं ब्रह्मसावित्रीप्रीत्यर्थं च वट सावित्री व्रतमहं करिष्ये।'

यह संकल्प करके तीन दिन उपवास करें। यदि सामर्थ्य न हो तो त्रयोदशी को रात्रि भोजन, चतुर्दशी को अयाचित और अमावस्या को उपवास करके शुक्ल प्रतिपदा को समाप्त करें।

अमावस्या को वट वृक्ष के समीप बैठकर बांस के एक पात्र में सप्तधान्य भरकर उसे दो वस्त्रों से ढक दें। दूसरे पात्र में ब्रह्मसावित्री तथा सत्य सावित्री की मूर्ति स्थापित करके गन्ध और अक्षत आदि से पूजन करें। इसके बाद वट वृक्ष को सूत लपेट कर उसका यथाविधि पूजन करके परिक्रमा करें।

अर्घ्य और प्रार्थना मंत्र

अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते। पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोस्तु ते।।

वट वृक्ष की परिक्रमा के बाद इस श्लोक से सावित्री को अर्घ्य दें। इसके बाद

वट सिञ्चामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः।

यथा शाखा प्रशाखाभिर्वृद्धोsसि त्वं महीतले।।

इस श्लोक से वट वृक्ष की प्रार्थना करें। देशभेद और मतान्तर के अनुरोध से इस व्रत विधि मे कोई-कोई उपचार भिन्न प्रकार से भी होते हैं। यहां उन सबका समावेश नहीं किया गया है।

पढ़ें: वट सावित्री व्रत कथा

वट सावित्री व्रत पर आज बन रहे हैं 4 दुर्लभ संयोग, जानें क्यों करते हैं वट वृक्ष की पूजा 

— ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र

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