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    Tulsi Puja: मां तुलसी की इस सरल विधि से करें पूजा, सभी मुरादें होंगी पूरी, चमकेगी किस्मत

    Updated: Thu, 15 May 2025 07:00 AM (IST)

    गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की (Tulsi Puja) पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां तुलसी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक को शुभ परिणाम मिलते हैं।

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    तुलसी पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। आज गुरुवार व्रत किया जा रहा है और वृषभ संक्रान्ति मनाई जा रही है। सनातन धर्म में गुरुवार के दिन मां तुलसी की विशेष पूजा होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां तुलसी की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसे करें मां तुलसी की पूजा।

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    तुलसी पूजा विधि

    इस दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।

    मां लक्ष्मी और भगावन विष्णु की पूजा करें।

    मां तुलसी को लाल रंग की चुनरी और फूलमाला अर्पित करें।

    तुलसी के पास देसी दीपक जलाकर आरती करें।

    इसके बाद तुलसी चालीसा और तुलसी मंत्रों का जप करें।

    आखिरी में फल और मिठाई का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद बाटें।

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    ॥ श्री तुलसी जी की आरती ॥

    जय जय तुलसी माता, सबकी सुखदाता वर माता।

    सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,

    रुज से रक्षा करके भव त्राता।

    जय जय तुलसी माता...

    बहु पुत्री है श्यामा, सूर वल्ली है ग्राम्या,

    विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

    जय जय तुलसी माता...

    हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,

    पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता।

    जय जय तुलसी माता...

    लेकर जन्म बिजन में आई दिव्य भवन में,

    मानव लोक तुम्हीं से सुख सम्पत्ति पाता।

    जय जय तुलसी माता...

    हरि को तुम अति प्यारी श्याम वर्ण सुकुमारी,

    प्रेम अजब है श्री हरि का तुम से नाता।

    जय जय तुलसी माता...

    तुलसी जी के मंत्र

    महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    मां तुलसी का पूजन मंत्र

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

    तुलसी माता का ध्यान मंत्र

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

    तुलसी स्तुति मंत्र

    देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।