Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Tulsi Puja: गुरुवार के दिन तुलसी से संबंधित करें ये काम, जीवन में सदैव रहेंगी खुशियां

    Updated: Thu, 04 Apr 2024 08:00 AM (IST)

    सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। इस पौधे की सुबह- शाम पूजा की जाती है। मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है और परिवार के सदस्यों को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। अगर आप तुलसी माता को प्रसन्न करना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें। अंत में आरती करें।

    Hero Image
    Tulsi Puja: गुरुवार के दिन तुलसी से संबंधित करें ये काम, जीवन में सदैव रहेंगी खुशियां

    धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Tulsi Aarti Lyrics in Hindi: तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए यह पौधा सनातन धर्म में पूजनीय है। रोजाना इस पौधे की पूजा की जाती है और जल अर्पित किया जाता है। धार्मिक महत्व के साथ-साथ तुलसी का वैज्ञानिक महत्व भी है। साथ ही आयुर्वेद में भी तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है और परिवार के सदस्यों को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर आप तुलसी माता को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें। अंत में आरती करें। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जीवन खुशियों से भरा रहता है। आइए पढ़ते हैं तुलसी माता की आरती और जानते हैं तुलसी पूजा से मिलने वाले लाभ के बारे में।

    यह भी पढ़ें: Baisakhi 2024: बैसाखी पर दुर्लभ शोभन योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा अक्षय फल

    तुलसी पूजा के लाभ

    • तुलसी पूजा से धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
    • इसके अलावा घर में सुख-शांति का आगमन होता है।
    • तुलसी पूजा करने से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है।
    • तुलसी में जल से देने से रोग दूर होते हैं।

    तुलसी आरती (Tulsi Aarti Lyrics)

    जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।

    सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।

    रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।

    विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।

    पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।

    मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।

    प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।

    हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।

    सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    यह भी पढ़ें: Baisakhi 2024: बैसाखी पर दुर्लभ शोभन योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा अक्षय फल

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।