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    Shiv Panchakshar Mantra: क्या है शिव पंचाक्षर मंत्र? इसके जाप से मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ

    By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik Sharma
    Updated: Sun, 18 Feb 2024 12:10 PM (IST)

    देवों के देव भगवान शिव संन्यासियों योगियों और तपस्वियों के आध्यात्मिक गुरु माने जाते हैं। मान्यता के अनुसार भगवान शिव के शिव पंचाक्षर मंत्र का विधिपूर्वक जाप करने से साधक को धार्मिक फायदे प्राप्त होते हैं। चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे पंचाक्षर मंत्र (Shiv Panchakshar Mantra) का अर्थ और इसका जाप करने से मिलने वाले लाभ के बारे में।

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    Shiv Panchakshar Mantra: क्या है शिव पंचाक्षर मंत्र? इसके जाप से मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiv Panchakshar Mantra: सनातन धर्म में देवों के देव महादेव को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। भगवान भोलेनाथ त्रिदेवों में एक हैं, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश कहा गया है। भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा और मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है। भगवान शिव संन्यासियों, योगियों और तपस्वियों के आध्यात्मिक गुरु माने जाते हैं। मान्यता के अनुसार, भगवान शिव के शिव पंचाक्षर मंत्र का विधिपूर्वक जाप करने से साधक को धार्मिक फायदे प्राप्त होते हैं। चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से मिलने वाले लाभ के बारे में।

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    क्या है पंचाक्षर मंत्र?

    'ओम नमः शिवाय'

    सनातन धर्म में शिव पंचाक्षर मंत्र का अधिक महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने सभी मानव जाति के कल्याण के उद्देश्य से खुद शिव पंचाक्षर मंत्र 'ओम नमः शिवाय' की उत्पत्ति की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे सबसे पहला मंत्र माना जाता है। पूजा के दौरान मंत्र का जाप करने से सभी कार्य सफल होते हैं। इसके जाप से मनुष्य के किए गए पापों का नाश होता है।

    मिलते हैं ये लाभ

    -सनातन धर्म में पूजा के समय मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से आत्म संतुष्टि तो मिलती ही है, साथ ही इसे भगवान को प्रसन्न करने का एक अच्छा तरीका माना जाता है।

    -रोज सुबह इस मंत्र का जाप करने से धार्मिक लाभ के साथ-साथ कई शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। इसके उच्चारण से समस्त इंद्रियां जाग उठती हैं।

    -इसके अलावा शिव पंचाक्षर मंत्र का नियमित रूप से जप करने से इंसान के कर्मों की शुभता में बढ़ोतरी होती है और उसके जीवन में सार्थकता आती है।

    -इस मंत्र की मदद से मन में सदैव शांति बनी रहती है और चिंताओं से छुटकारा मिलता है।

    कैसे करें इस मंत्र का जाप

    अगर आप इस मंत्र का जाप कर रहे हैं, तो ऐसी जगह का चयन करें, जहां शांत वातावरण हो। इसके अलावा मंदिर या घर में भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार रोजाना रुद्राक्ष की माला के साथ करना चाहिए है। जाप को सदैव उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए। इस मंत्र का जाप किसी भी समय आप कर सकते हैं।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'