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    Shardiya Navratri Day 5: विवेक और बुद्धि के लिए की जाती है मां स्कंदमाता की पूजा, जानिए विधि और मंत्र

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 09:15 AM (IST)

    Maa Skandmata Puja नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित हैं। आज नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा के इस रूप की आराधना करने से साधक को बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं देवी स्कंदमाता की पूजा की विधि और मंत्र।

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    Maa Skandmata Puja नवरात्र के पांचवें दिन इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sharad Navratri 2023: हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है। प्रत्येक साल में दो नवरात्र आते हैं। पहली नवरात्र चैत्र मास के दौरान मनाए जाते हैं जिन्हें चैत्र नवरात्र भी कहा जाता है। वहीं दूसरे नवरात्र आश्विन मास में मनाए जाते हैं जिन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। साल 2023 में 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में आज नवरात्र के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा का विधान है।

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    मां स्कंदमाता पूजा विधि (Maa Skandmata Puja vidhi)

    नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा के दौरान हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें। मताा की पूजा में उन्हें अक्षत, बताशा, पान, सुपारी, लौंग धूप, लाल फूल आदि अर्पित करें। साथ ही आप मां स्कंदमाता को केले या केले से बनी चीजों जैसे केले के हलवे का भी भोग लगा सकते हैं। पूजा के अंत में माता की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें।

    यह भी पढ़ें -  Shardiya Navratri 2023: स्कंदमाता की पूजा के समय करें इस चालीसा का पाठ एवं आरती, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि

    करें इन मंत्रों का जाप (Maa Skandmata Puja Mantra)

    मां स्कंदमाता की गोद में युद्ध के देवता भगवान कार्तिकेय को दर्शाया गया है। यही कारण है कि भगवान कार्तिकेय को स्कंद देव के नाम से भी जाना जाता है। मा दुर्गा के इस ममतामयी रूप की आराधना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। ऐसे में आप नवरात्र के पांचवें दिन की पूजा में इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं -

    या देवी सर्वभूतेषू मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'