Durga Puja 2023: नवरात्र के पांचवें दिन करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति
धार्मिक मत है कि स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में सुखों का आगमन होता है। अतः नवरात्रि के पांचवें दिन साधक श्रद्धा भाव से स्कंदमाता की पूजा उपासना करते हैं। अगर आप भी स्कंदमाता की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप और मां पार्वती की आरती जरूर करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023 Day 5: शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में मां पार्वती को ही स्कंदमाता कहा गया है। देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय को स्कन्द कहा जाता है। धार्मिक मत है कि स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में सुखों का आगमन होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अतः नवरात्रि के पांचवें दिन साधक श्रद्धा भाव से स्कंदमाता की पूजा उपासना करते हैं। अगर आप भी स्कंदमाता की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो नवरात्र के पांचवें दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप और मां पार्वती की आरती जरूर करें।
स्कंदमाता के मंत्र
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
2. ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः’’
‘ऊँ पार्वत्यै नमः”
‘ऊँ साम्ब शिवाय नमः’
’’ऊँ गौरये नमः
3. ‘मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।
कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि‘।
4. ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम
कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।
5. कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
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मां स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता,
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी,
जग जननी सब की महतारी।
जय तेरी हो स्कंदमाता
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं,
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा,
मुझे एक है तेरा सहारा।
जय तेरी हो स्कंदमाता
कहीं पहाड़ों पर है डेरा,
कई शहरो में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे,
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
जय तेरी हो स्कंदमाता
भक्ति अपनी मुझे दिला दो,
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे,
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
जय तेरी हो स्कंदमाता
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए,
तुम ही खंडा हाथ उठाएं।
दास को सदा बचाने आईं,
चमन की आस पुराने आई।
जय तेरी हो स्कंदमाता।।
माता पार्वती की आरती
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।।
जय पार्वती माता...
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता...
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।।
जय पार्वती माता...
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।।
जय पार्वती माता...
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।।
जय पार्वती माता...
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता...
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।।
जय पार्वती माता...
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।।
जय पार्वती माता...
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