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    Sawan Somvar 2025: शिव पूजा का 'पूरा' फल चाहिए? जरूर करें इस विशेष आरती का पाठ

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 27 Jul 2025 09:00 PM (IST)

    सावन माह के तीसरे सोमवार (Sawan Somvar 2025) पर विनायक चतुर्थी का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर शिव परिवार की विधिवत पूजा की जाएगी। साथ ही पूजा के बाद दान-पुण्य किया जाएगा। सावन सोमवार पर शिवजी की पूजा करने से साधक पर मां पार्वती की कृपा बरसती है।

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    Sawan Somvar 2025: शिव जी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। 28 जुलाई को सावन माह का तीसरा सोमवार है। साथ ही विनायक चतुर्थी भी मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर शिव परिवार की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाएगा। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त संकटों से मुक्ति मिलती है।

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    अगर आप भी देवों के देव महादेव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो सावन माह के तीसरे सोमवार पर भक्ति भाव से पूजा करें। वहीं, पूजा का समापन इस आरती से करें। इस आरती के बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए, शिवजी की आरती का पाठ करते हैं-

    सावन सोमवार शुभ योग (Sawan Somvar 2025 Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के तीसरे सोमवार पर रवि योग का संयोग शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है। इस योग में शिव परिवार की पूजा करने से सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही शिववास योग भी बन रहा है। शिववास संयोग में महादेव का अभिषेक करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी

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    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 14 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 38 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 02 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 32 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 03 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 59 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक

    शिवजी की आरती

    सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी।

    अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥

    हर हर हर महादेव...

    आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी।

    अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥

    हर हर हर महादेव...

    ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी।

    कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥

    हर हर हर महादेव...

    रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी।

    साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी॥

    हर हर हर महादेव...

    मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी।

    सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥

    हर हर हर महादेव...

    छाल-कपाल, गरल-गल, मुण्डमाल व्याली।

    चिता भस्मतन त्रिनयन, अयनमहाकाली॥

    हर हर हर महादेव...

    प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी।

    विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी॥

    हर हर हर महादेव...

    शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।

    अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मन-हारी॥

    हर हर हर महादेव...

    निर्गुण, सगुण, निरञ्जन, जगमय नित्य प्रभो।

    कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥

    हर हर हर महादेव...

    सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।

    प्रेम-सुधा-निधि प्रियतम, अखिल विश्व त्राता॥

    हर हर हर महादेव...

    हम अतिदीन, दयामय! चरण-शरण दीजै।

    सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै॥

    हर हर हर महादेव...

    ॐ जय शिव ओंकारा आरती

    ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

    हंसासन गरूड़ासन, वृषवाहन साजे ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज अति सोहे ।

    त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी ।

    चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघम्बर अंगे।

    सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    कर के मध्य कमंडल, चक्र त्रिशूलधारी।

    सुखकारी दुखहारी, जगपालन कारी॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, जानत अविवेका।

    प्रणवाक्षर में शोभित, ये तीनों एका ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    त्रिगुणस्वामी जी की आरति, जो कोइ नर गावे।

    कहत शिवानंद स्वाम, सुख संपति पावे ॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।