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    Sai Bhajan: गुरुवार के दिन साईं बाबा की पूजा करते समय जरूर गाएं यह भजन

    Sai Bhajan आज गुरुवार है और आज के दिन साईं बाबा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि शिरडी के साईं बाबा एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें उनके भक्तों द्वारा श्री दत्तगुरु भी कहा जाता था। उनकी पहचान एक संत और फकीर के रूप में की जाती है।

    By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 24 Dec 2020 07:33 AM (IST)
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    Sai Bhajan: गुरुवार के दिन साईं बाबा की पूजा करते समय जरूर गाएं यह भजन

    Sai Bhajan: आज गुरुवार है और आज के दिन साईं बाबा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि शिरडी के साईं बाबा एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें उनके भक्तों द्वारा श्री दत्तगुरु भी कहा जाता था। उनकी पहचान एक संत और फकीर के रूप में की जाती है। उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग पूजाते थे। साईं बाबा ने हमेशा ही धर्म या जाति के आधार पर भेद की निंदा की। उनकी शिक्षाओं ने हिंदू धर्म और इस्लाम के तत्वों को जोड़ा था। वे हमेशा कहते थे कि सबसा मालिक एक।

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    आज गुरुवार के दिन साईं बाबा की पूजा की जाती है। साईं भक्त आज के दिन पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं। इस दिन कई भक्त साईं मंदिर जाकर गरीबों को भोजन भी कराते हैं। साईं बाबा की पूजा करते समय उनकी आरती और चालीसा का पाठ जरूर किया जाना चाहिए। इसके लिए उनके भजन भी अवश्य ही गाने चाहिए। साईं बाबा के प्रसिद्ध भजनों में से एक है-कौन कहता है साई आते नहीं। पूजा के दौरान साईं बाबा का भजन अवश्य करें।

    साईं भजन:

    आप राधा की तरह भुलाते नहीं,

    कौन कहता है साई आते नहीं,

    आप राधा की तरह भुलाते नहीं,

    मासा माई से हाथो से खाये रोटी,

    कभी लक्ष्मी के हाथो से खाये खिचड़ी,

    कौन कहता है साई खाते नहीं,

    आप सबुरी की तरह खिलाते नहीं,

    कौन कहता है साई आते नहीं,

    दास कण के भजन में मगन साजे,

    साई पाँव में घुंगरू बाँध के नाचे,

    कौन कहता है साई नाचते नहीं,

    आप गोपियों की तरह नाचते नहीं,

    कौन कहता है साई आते नहीं

    पालकी के पलना में साई बैठे,

    द्वारका माई के अंगना में साई सोहे,

    कौन कहता है साई सोते नहीं,

    आप यशोदा की तरह सुलाते नहीं,

    कौन कहता है साई आते नहीं

    कात्या को तुमने तारा अपनी आयु देकर,

    श्यामा का ज़हर उतारा सतका पीट पीट कर ,

    कौन कहता है साई संकट हरते नहीं,

    आप द्रोपती की तरह पुकार ते नहीं,

    कौन कहता है साई आते नहीं