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    Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर इन मंत्रों का करें जाप, सभी ग्रहों का परेशानियां हो जाएंगी दूर

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 02:37 PM (IST)

    पौराणिक कथाओं के अनुसार देवासुर संग्राम में इंद्र को विजय दिलाने के लिए इंद्राणी ने रक्षा सूत्र बांधा था। इसके बाद यह त्योहार मनाया जाने लगा। इस दिन बहनें भाई की रक्षा के लिए उन्हें रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं। ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए रक्षाबंधन पर राहु-केतु शनि या कालसर्प दोष से बचने के लिए कुछ मंत्रों का जाप किया जा सकता है।

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    भोलेनाथ का यह मंत्र 108 बार जपने से दूर होंगे सभी ग्रहों के दोष।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षाबंधन भावनात्मक त्योहार से बढ़कर है। वैसे तो इसे भाई बहनों के प्रेम के रूप में मनाया जाता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि पहली बार राखी किसने और किसको बांधी थी। उस रक्षा सूत्र के बांधने का क्या परिणाम हुआ और राखी पर यदि आप किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो किस देवता से करें प्रार्थना। 

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    यदि नहीं, तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवासुर संग्राम में इंद्र हार रहे थे। तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने अपने पति को बचाने और युद्ध में विजय दिलाने के लिए मंत्रों से सिद्ध एक रक्षा सूत्र (राखी) उनकी कलाई पर बांधी थी। 

    इस रक्षा सूत्र के प्रभाव से इंद्र ने युद्ध जीता और तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। यह घटना भविष्य पुराण में वर्णित है। इस घटना के बाद यह परंपरा बन गई कि बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, ताकि हर प्रकार की परेशानियों से भाई की रक्षा हो। बदले में भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। 

    ग्रहों के दुष्प्रभाव से ऐसे बचें 

    यदि आप किसी भी तरह के ग्रह दोष से परेशान चल रहे हैं, तो रक्षाबंधन के दिन कुछ रक्षा मंत्रों का जाप करके आप नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। इस साल यह त्योहार 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन आप राहु-केतु, शनि या कालसर्प दोष से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। 

    कालसर्प दोष की शांति के लिए 

    यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो दूध, जल, कुशा और नाग के प्रतीक की पूजा करें। रक्षाबंधन पर 108 बार इस मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर राखी बांधे। 

    “ओम नमः भगवते वासुकेश्वराय सर्वदोष विनाशाय सर्वरोग निवारणाय नमः शिवाय।”

    राहु-केतु दोष के समाधान के लिए 

    यदि जीवन में राहु-केतु की वजह से परेशानी चल रही है। लगातार धोखे मिलते हैं, मानसिक तनाव रहता है, भ्रम की स्थिति बनी रहती है, तो शाम को शांत-एकांत में दीपक जलाकर 108 बार इन मंत्रों का जाप करें। 

    राहु का मंत्र- “ओम रां राहवे नमः”। 

    केतु का मंत्र- ओम कें केतवे नमः”। 

    शनि दोष शांत करने के लिए रक्षा मंत्र

    शनि से जुड़ी पीड़ा चल रही है, तो रक्षाबंधन के दिन शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं और यह 108 बार इस मंत्र का जाप करें। इससे जीवन में शनि की वजह से चल रही परेशानियां और मानसिक तनाव कम होगा। 

    “ओम नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्

    छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्”। 

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    सभी ग्रहों की शांति के लिए 

    यदि आपको नहीं पता है कि आप किस ग्रह दोष की वजह से जीवन में परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो भोलेनाथ की शरण में जाएं। 108 बार इस महामंत्र का जाप करने से सभी तरह के दोष समाप्त होते हैं… 

    ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्”। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।