Puja Path Niyam: कहीं आप भी तो पूजा के समय नहीं कर रहे ये गलतियां, जाने प्रसाद अर्पित करने का सही तरीका
सभी हिंदू परिवारों में नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। भगवान को प्रसाद का भोग लगाना पूजा का जरूरी हिस्सा माना गया है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में हमें भोग संबंधी गलतियां नहीं करनी चाहिएं।
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Puja Path Niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि आती है, वहीं इन नियमों की अनदेखी करने पर पूजा का विपरित फल भी मिल सकता है। इसलिए इन नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
क्या है भोग लगाने का सही तरीका
भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। और न ही भोग को भगवान की मूर्तियों के एकदम पास रखें। प्रसाद चढ़ाने समय भगवान के पास जल भी जरूर रखें।
किस पात्र में लगाएं भोग
प्रसाद को हमेशा पीतल, चांदी, सोने या मिट्टी से बने पात्र में रखकर भोग लगाना चाहिए। आप चाहें तो केले के पत्ते में भी प्रसाद रखकर भगवान का भोग लगा सकती हैं। भोग लगाने के लिए फल और मिठाई को सबसे उत्तम माना जाता है। इसलिए भोग में कोई फल या मिठाई जरूर शामिल करें।
किन गलतियों से बचना चाहिए
देवी-देवताओं को भोग लगाने के बाद प्रसाद को उसी जगह पर रखा न छोड़ें। और न ही भोग लगाते ही तुरंत प्रसाद उठाएं। इससे घर में नकारात्मकता आती है। भोग लगाने के बाद प्रसाद जरूर बांटना चाहिए।
व्रत में कैसा प्रसाद ग्रहण करें
भगवान को भोग लगाने के बाद स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। अगर आपका व्रत है और प्रसाद अन्न के रूप में हैं तो ऐसी स्थिति में आपको प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।
क्या हैं भगवान के प्रिय भोग
शास्त्रों में सभी देवी -देवताओं का कोई न कोई प्रिय भोग बताया गया है। उनकी पसंद के अनुसार भोग लगाने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है, तो आप एक ही प्रकार की मिठाई, मिश्री आदि से भोग लगा सकते हैं।
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