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    Puja Path Niyam: पूजा के समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, शुभ फल की होगी प्राप्ति

    By Jagran News Edited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 21 Dec 2023 04:04 PM (IST)

    पूजा-पाठ को करना जितना आवश्यक माना गया है। उतनी जरूरी है पूजा-पाठ के नियमों का पालन करना। शास्त्रों में देवी-देवता की पूजा करने के कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन नहीं करने से साधक को शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। इसके अलावा पूजा सफल नहीं होती है। आइए जानते हैं कि पूजा-पाठ करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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    Puja Path Niyam: पूजा के समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, शुभ फल की होगी प्राप्ति

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Puja Path Niyam: सनातम धर्म में सुबह और शाम देवी-देवता की पूजा करने का विधान है। पूजा-पाठ को करना जितना आवश्यक माना गया है। उतना जरूरी है पूजा-पाठ के नियमों का पालन करना। शास्त्रों में देवी-देवता की पूजा करने के कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन नहीं करने से साधक को शुभ फल प्राप्त नहीं होता है और पूजा सफल नहीं होती है। आइए जानते हैं कि पूजा-पाठ करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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    पूजा-पाठ के नियम

    किसी भी देवी-देवता की पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश को प्रणाम करना चाहिए। मान्यता है कि पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश को प्रणाम नहीं करने से पूजा सफल नहीं होती है।

    पूजा के समय भगवान को एक हाथ से प्रणाम भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

    इसके अलावा घी का दीपक अपने बाईं तरफ और भगवान के दाएं तरफ रखें। साधक को माथे पर तिलक लगाकर ही पूजा करनी चाहिए।

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    पूजा हो जाने के बाद शंख या घंटी को बजाने का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शंख और घंटी को बजाने से घर और मन स्वच्छ होता है।

    पूजा के लिए शाम को भूलकर भी फूल नहीं तोड़ने चाहिए। इसलिए आप संध्या काल से पहले ही फूल तोड़ कर रख लें।

    सनातन धर्म में पूजा के दौरान दीपक जलाना अनिवार्य होता है। यदि आप पूजा के दौरान दीपक नहीं जलाते हैं, तो आपको पूजा का शुभ फल नहीं मिलेगा।

    संध्या काल में भगवान सूर्य देव की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे साधक को करने जीवन में दुखों को सामना करना पड़ सकता है। सनातन धर्म में सूर्य देव की पूजा सुबह की जाती है।

    घर में मंदिर पूर्व दिशा में होना चाहिए। मान्यता है कि मंदिर इस दिशा में होने से घर में धन और संपत्ति का आगमन होता है।

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    Author- Kaushik Sharma

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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