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    Pradosh Vrat 2023: साल के आखिरी प्रदोष पर ऐसे करें महादेव की पूजा, खुशियों से भर जाएगा नया साल

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 20 Dec 2023 10:30 AM (IST)

    Shukra Pradosh Vrat 2023 हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने में 2 बार यानी शुक्ल और कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत किया जाता है। माना गया है कि जो साधक पूरे विधि-विधान से प्रदोष व्रत करता है उसे महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पर महादेव की पूजा विधि।

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    Pradosh Vrat 2023 साल के आखिरी प्रदोष पर ऐसे करें महादेव की पूजा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2023 Date: हर महीने की त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस दिन महादेव को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसे में 2023 का आखिरी प्रदोष व्रत 24 दिंसबर, रविवार के दिन किया जाएगा। क्योंकि यह व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।

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    प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh muhurat)

    मार्गशीर्ष माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रही है। साथ ही, इसका समापन 25 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। क्योंकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में व्रत 24 दिसंबर, रविवार के दिन किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 30 मिनट से रात 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

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    इस विधि से करें महादेव की पूजा

    प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो व्रत का संकल्प लें। मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद एक दीप प्रज्वलित करें। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल यानी गोधूलि बेला में करने का विधान है। ऐसे में इस दौरान भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

    इसके बाद शिव जी को बिल्वपत्र, शमी के फूल और धतूरा आदि अर्पित करें। इस दिन शिव जी के साथ-साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करें। भगवान शिव को दही और घी का भोग लगाएं। इस विशेष दिन पर शिव मंत्रों का जाप जरूर करें। अंत में पूजा शिव परिवार की आरती करें और सभी में प्रसाद बाटें।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'