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    Masik Durgashtami पर जरूर करें नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ, खुशियों से भर जाएगा घर-परिवार

    Updated: Tue, 04 Feb 2025 08:00 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन माता रानी के निमित्त व्रत रखने से और विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में आ रहे सभी कष्ट दूर होने लगते हैं। साथ ही माता रानी की कृपा से जातक के पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

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    Masik Durgashtami पर इस तरह प्राप्त करें माता रानी की कृपा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami Vrat 2025) तिथि को काफी खास माना गया है। इस बार यह तिथि और भी विशेष होने वाली है, क्योंकि माघ गुप्त नवरात्र की अवधि चल रही है। ऐसे में बुधवार, 05 फरवरी को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाएगा। आप इस दिन माता रानी की पूजा के दौरान नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ कर माता रानी की विशेष कृपा के पात्र बन सकते हैं। तो चलिए पढ़ते हैं नवदुर्गा स्तोत्र -

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    ॥ नवदुर्गा स्तोत्रम् ॥

    ॥ देवी शैलपुत्री ॥

    वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्।

    वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥

    ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥

    दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।

    देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥

    ॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥

    पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता।

    प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥

    ॥ देवी कूष्माण्डा ॥

    सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च।

    दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥

    ॥ देवी स्कन्दमाता ॥

    सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया।

    शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥

    माता रानी की कृपा पाने के लिए कई जातक मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करते हैं और देवी दुर्गा की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। इससे न केवल साधक को देवी दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है, बल्कि जीवन में आ रहे सभी दुख-दर्द भी धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं।

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    ॥ देवी कात्यायनी ॥

    चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना।

    कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी॥6॥

    ॥ देवी कालरात्रि ॥

    एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

    लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलभ्यक्तशरीरिणी॥

    वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।

    वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी॥7॥

    ॥ देवी महागौरी ॥

    श्र्वेते वृषे समारूढाश्र्वेताम्बरधरा शुचि:।

    महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥8॥

    ॥ देवी सिद्धिदात्रि ॥

    सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

    सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥9॥

    ॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

    मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा के दौरान साधक को मां दुर्गा को समर्पित नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपके ऊपर माता रानी के नौ स्वरूपों की कृपा बनी रहती है और आपको हर क्षेत्र में सफलता देखने को मिलती है।

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    मां दुर्गा के मंत्र

    1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    2. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    3. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।।

    दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।

    4. मां दुर्गा ध्यान मंत्र -

    ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|

    लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।