Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Margashirsha Amavasya 2024: विष्णु चालीसा के पाठ के बाद करें इन चीजों का दान, पितृ होंगे प्रसन्न

    सनातन धर्म में हर महीने में अमावस्या और पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इन शुभ तिथि पर गंगा स्नान करने का विधान है। साथ ही दान करना शुभ माना जाता है। अगर आप मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2024) के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं तो विष्णु चालीसा के पाठ के बाद विशेष चीजों का दान जरूर करें।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 01 Dec 2024 07:30 AM (IST)
    Hero Image
    Lord Vishnu: ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न

    धर्म डेस्क,नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष की अंतिम अमावस्या आज यानी 01 दिसंबर (Margashirsha Amavasya 2024 Date) को मनाई जा रही है। मार्गशीर्ष माह में पड़ने की वजह से इसे मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के संग पितरों की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इसके अलावा विष्णु चालीसा का पाठ करने के बाद कुछ चीजों का दान करना फलदायी साबित होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन क्या दान करना चाहिए?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मार्गशीर्ष अमावस्या पर क्या दान करें?

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन आप गेहूं, मूंगफली, धन, गर्म वस्त्र, दही, फल और काले तिल समेत आदि चीजों का दान कर सकते हैं। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितृ दोष दूर होता है।

    श्री विष्णु चालीसा

    दोहा

    विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।

    कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥

    चौपाई

    नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।

    प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥

    सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।

    तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ॥

    शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे ।

    सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥

    सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।

    यह भी पढ़ें: Margashirsha Amavasya 2024 Daan: मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें इन चीजों का दान, प्राप्त होगा पितरों का आशीर्वाद

    सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥

    पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।

    करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ॥

    धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।

    भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ॥

    आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया ।

    धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया ॥

    अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया ।

    देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया ॥

    कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।

    शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया ॥

    वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।

    मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया ॥

    असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई ।

    हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई ॥

    सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी ।

    तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥

    देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।

    हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी ॥

    यह भी पढ़ें: Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीष अमावस्या पर इन उपायों से पितरों को करें प्रसन्न, धन लाभ के बनेंगे योग

    डिस्क्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।