Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hanuman ji Puja: मंगलवार व्रत के दिन इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा, सारे कष्ट होंगे दूर

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 07 Nov 2023 09:19 AM (IST)

    Mangalwar ke Upay हनुमान जी श्री राम के परम भक्त हैं। माना जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप मंगलवार की पूजा में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखते हैं तो बजरंगबली जी की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहती है।

    Hero Image
    Mangalwar Vrat मंगलवार व्रत के दिन इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा।

    नई दिल्ली, अध्यात्म। Hanuman ji Puja vidhi: हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित माना है। ठीक इसी प्रकार मंगलवार का दिन हनुमान जी की आराधना के लिए समर्पित है। माना जाता है कि मंगलवार के दिन बजरंगबली जी की पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। ऐसे में यदि आप मंगलवार के दिन व्रत करते हैं तो यहां पढ़िए व्रत की पूजा विधि और जानिए मंगलवार के व्रत से जुड़े कुछ नियम।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हनुमान जी पूजा विधि (Hanuman ji Puja vidhi)

    मंगलवार के दिन सबसे पहले स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद हनुमान जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। साथ ही इस दिन लाल या नारंगी रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के ईशान कोण में एक चौकी रखें, उस पर बजरंगी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर में चमेली का तेल चढ़ाएं, साथ ही हनुमाना जी को लाल चोला भी चढ़ाएं। इसके साथ ही बजंरगबली जी को लाल रंग के फूल, नारियल, गुड़, चना, पान का बीड़ा आदि भी अर्पित करें।

    भोग के रूप में आप उन्हें बूंदी, या बेसन के लड्‌डू भी अर्पित कर सकते हैं। ध्यान रहे कि हनुमान जी की पूजा के साथ राम-सीता जी का स्मरण भी जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही व्रत वाले दिन हनुमान चालीसा या सुन्दरकाण्ड का पाठ भी जरूर करना चाहिए। अंत में हनुमान जी की आरती करें। शाम के समय पुन: हनुमान जी का ध्यान करते हुए व्रत का पारण करें।

    व्रत से जुड़े कुछ नियम

    यदि आप मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत करते हैं, तो ध्यान रखें कि इस व्रत में नमक का सेवन भूलकर भी न करें। ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है। इसके साथ ही 21 या 45 मंगलवार तक व्रत रखना शुभ माना जाता है। कुछ भक्त इसे आजीवन भी करते हैं। आखिरी मंगलवार व्रत के बाद आने वाले मंगलवार को विधिवत उद्यापन जरूर करें। किसी भी माह की शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से ये व्रत शुरू करना शुभ माना गया है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'