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    Makar Sankranti के दिन सूर्य देव के इस कवच का करें पाठ, करियर और कारोबार में मिलेगी सफलता

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 08:00 AM (IST)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2025) के दिन विधिपूर्वक सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही रुके काम जल्द पूरे होते हैं। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन विशेष चीजों का दान करने का भी विशेष महत्व है। इससे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है।

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    Makar Sankranti 2025: ऐसे करें सूर्य देव को प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचाग के अनुसार, मकर संक्रांति के पर्व को 14 जनवरी (Makar Sankranti 2025 Date) को अधिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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    सूर्य कवच

    ॥श्रीसूर्यध्यानम्॥

    रक्तांबुजासनमशेषगुणैकसिन्धुं

    भानुं समस्तजगतामधिपं भजामि।

    पद्मद्वयाभयवरान् दधतं कराब्जैः

    माणिक्यमौलिमरुणाङ्गरुचिं त्रिनेत्रम्॥

    श्री सूर्यप्रणामः

    जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।

    ध्वान्तारिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् ॥

    । याज्ञवल्क्य उवाच ।

    श्रुणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम् ।

    शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम् ॥॥

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    दैदिप्यमानं मुकुटं स्फ़ुरन्मकरकुण्डलम् ।

    ध्यात्वा सहस्रकिरणं स्तोत्रमेतदुदीरयेत्॥॥

    शिरो मे भास्करः पातु ललाटे मेSमितद्दुतिः ।

    नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः ॥३ ॥

    घ्राणं धर्म धृणिः पातु वदनं वेदवाहनः ।

    जिह्वां मे मानदः पातु कंठं मे सुरवंदितः ॥॥

    स्कंधौ प्रभाकरं पातु वक्षः पातु जनप्रियः ।

    पातु पादौ द्वादशात्मा सर्वागं सकलेश्वरः ॥॥

    मकर संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा करने के बाद गुड़, चावल और गेहूं का दान करें। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से सूर्य देव की कृपा से जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

    सूर्यरक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्जपत्रके ।

    दधाति यः करे तस्य वशगाः सर्वसिद्धयः ॥॥

    सुस्नातो यो जपेत्सम्यक् योSधीते स्वस्थ मानसः ।

    स रोगमुक्तो दीर्घायुः सुखं पुष्टिं च विंदति ॥॥

    ॥ इति श्री माद्याज्ञवल्क्यमुनिविरचितं सूर्यकवचस्तोत्रं संपूर्णं ॥

    ॥सूर्य अष्टक स्तोत्र॥

    नमः सवित्रे जगदेकचक्षुषे जगत्प्रसूतिस्थितिनाश हेतवे ।

    त्रयीमयाय त्रिगुणात्मधारिणे विरञ्चि नारायण शंकरात्मने ॥॥

    यन्मडलं दीप्तिकरं विशालं रत्नप्रभं तीव्रमनादिरुपम् ।

    दारिद्र्यदुःखक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मण्डलं देवगणै: सुपूजितं विप्रैः स्तुत्यं भावमुक्तिकोविदम् ।

    तं देवदेवं प्रणमामि सूर्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मण्डलं ज्ञानघनं, त्वगम्यं, त्रैलोक्यपूज्यं, त्रिगुणात्मरुपम् ।

    समस्ततेजोमयदिव्यरुपं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं गूढमतिप्रबोधं धर्मस्य वृद्धिं कुरुते जनानाम् ।

    अगर आप जीवन को खुशहाल बनाए रखना चाहते हैं, तो मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करें और सूर्य कवच एवं सूर्य अष्टक स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि इनका पाठ करने से करियर और कारोबार में सफलता मिलती है और धन लाभ के योग बनते हैं।

    यत्सर्वपापक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं व्याधिविनाशदक्षं यदृग्यजु: सामसु सम्प्रगीतम् ।

    प्रकाशितं येन च भुर्भुव: स्व: पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं वेदविदो वदन्ति गायन्ति यच्चारणसिद्धसंघाः ।

    यद्योगितो योगजुषां च संघाः पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं सर्वजनेषु पूजितं ज्योतिश्च कुर्यादिह मर्त्यलोके ।

    यत्कालकल्पक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं विश्वसृजां प्रसिद्धमुत्पत्तिरक्षाप्रलयप्रगल्भम् ।

    यस्मिन् जगत् संहरतेऽखिलं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं सर्वगतस्य विष्णोरात्मा परं धाम विशुद्ध तत्त्वम् ।

    सूक्ष्मान्तरैर्योगपथानुगम्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ ॥

    यन्मडलं वेदविदि वदन्ति गायन्ति यच्चारणसिद्धसंघाः ।

    यन्मण्डलं वेदविदः स्मरन्ति पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    यन्मडलं वेदविदोपगीतं यद्योगिनां योगपथानुगम्यम् ।

    तत्सर्ववेदं प्रणमामि सूर्य पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥

    मण्डलात्मकमिदं पुण्यं यः पठेत् सततं नरः ।

    सर्वपापविशुद्धात्मा सूर्यलोके महीयते ॥ ॥

    ॥ इति श्रीमदादित्यहृदये मण्डलात्मकं स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।