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Mahashivratri 2024 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, महादेव होंगे प्रसन्न

महाशिवरात्रि के पर्व को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 08 मार्च 2024 शुक्रवार को है। माना जाता है कि इस विशेष अवसर पर विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पूजा विधि के बारे में।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaPublished: Sat, 02 Mar 2024 05:12 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2024 05:12 PM (IST)
Mahashivratri 2024 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, महादेव होंगे प्रसन्न
Mahashivratri 2024 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, महादेव होंगे प्रसन्न

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahashivratri 2024 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि के पर्व को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 08 मार्च 2024, शुक्रवार को है। मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस विशेष अवसर पर विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि महाशिवरात्रि के दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा किस तरह करनी चाहिए।

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महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व अधिक महत्व है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 08 मार्च, 2024 को रात्रि 09 बजकर 57 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 09 मार्च, 2024 को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में महाशिवरात्रि व्रत 08 मार्च को किया जाएगा।

ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

  • महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और दिन की शुरुआत ईश्वर के ध्यान से करें।
  • इसके बाद स्नान कर साफ सफेद वस्त्र धारण करें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  • अब सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • अब शिवलिंग का जल, दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
  • शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और बेर आदि चीजें अर्पित करें।
  • घी का दीपक जलाएं और आरती करें। साथ ही शिव का चालीसा का पाठ करें।
  • भगवान शिव को विशेष चीजों का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्||

इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के रोग, भय, चिंता, दुःख दूर हो जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि दुःख की घड़ी में महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से सभी प्रकार की बाधा समाप्त हो जाती है।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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