Ramanathaswamy Temple: महाशिवरात्रि पर रामनाथस्वामी मंदिर की करें यात्रा, हर मनोकामनाएं होंगी पूरी
रामनाथस्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) तमिलनाडु के रामेश्वरम के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इस पर्व पर मंदिर को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। मान्यता है कि मंदिर में पूजा और दर्शन करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramanathaswamy Temple: सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। शिव भक्त बेसब्री से इस त्योहार के आने का इंतजार करते हैं। हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार महाशिवरात्रि 08 मार्च को है। इस अवसर पर भक्त मंदिर में जाकर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी महाशिवरात्रि के दिन किसी मंदिर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां पूजा और दर्शन करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं मंदिर के बारे में विस्तार से।
रामनाथस्वामी मंदिर
रामनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इस पर्व पर मंदिर को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। मंदिर को पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में माना गया है। मंदिर को रामेश्वरम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
यह भी पढ़ें: Mahashivratri 2024: शिव नवरात्रि आज से शुरू, दूल्हे की तरह सजेंगे महाकाल, नौ दिनों तक होगा अद्भुत शृंगार
ये है मान्यता
रामनाथस्वामी मंदिर में भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित है। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा और दर्शन करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंदिर की वास्तुकला
इस मंदिर की वास्तुकला बेहद शानदार है। मंदिर का निर्माण करीब 1200 मीटर के चकोर क्षेत्रफल पर हुआ है। मंदिर में एंट्री करने के लिए चार दरवाजे बने हुए है और सभी द्वार पर गोपुरम बना हुआ है। इस मंदिर की वास्तुकला लोगों को आकर्षित करती है।
मंदिर घूमने का समय
अगर आप रामनाथस्वामी मंदिर घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सुबह 7 बजे से 1 बजे तक और दोपहर 2 बजे से लेकर रात में 9 बजे तक खुला रहता है। इस समय के दौरान आप मंदिर में पूजा और दर्शन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: देश का एक ऐसा मंदिर, जहां स्कूल के साथ है कई हजार पुस्तकों का संग्रह
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'