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    Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन नियमों के साथ धारण करें रुद्राक्ष, छूटेगा दुर्भाग्य का साथ

    Mahashivratri 2023 रुद्राक्ष का अर्थ है रूद्र यानी शिव जी के आंसु। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसी के कारण रुद्राक्ष की पूजा करने के साथ धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

    By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Tue, 14 Feb 2023 11:00 AM (IST)
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    Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन नियमों के साथ धारण करें रुद्राक्ष, छूटेगा दुर्भाग्य का साथ

    नई दिल्ली, Mahashivratri 2023: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में प्रमुख त्योहारों में से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। इस दिन विधिवत पूजा और व्रत रखने के साथ कुछ उपाय भी अपना सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष को भगवान शंकर का अंश रूप माना जाता है। जानिए रुद्राक्ष धारण करते समय किन बातों का रखें ख्याल।

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    भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुए रुद्राक्ष को धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही कई रोगों से भी बचाव होता है।

    रुद्राक्ष पहनने के नियम

    • शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को हमेशा गले, कलाई या फिर हद्य में ही धारण करना चाहिए।
    • अगर हाथ में पहन रहे है तो 12 दाने,  हद्य में 108 दाने और गले में पहन रहे है, तो 36 दानों वाली माला पहनें।
    • अगर आप अधिक रुद्राक्ष  धारण नहीं करना चाहते हैं, तो हृदय तक लाल रंग के धागे में रुद्राक्ष का एक दाना पहन सकते हैं।
    • रुद्राक्ष को सोमवार, महाशिवरात्रि या फिर सावन महीने में ही पहन सकते हैं।
    • रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए।
    • किसी को उपहार में न ही रुद्राक्ष दें और न ही किसी दूसरे से लें।
    • शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट नहीं ले जाना चाहिए। इससे अशुभ फल मिलता है।
    • नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
    • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दौरान रुद्राक्ष पहनने से वह अशुद्ध हो जाता है।
    • रुद्राक्ष धारण करने के मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी न करें।
    • कभी भी रुद्राक्ष को गंदा न रखें। समय-समय पर गंगाजल से रुद्राक्ष को साफ करते रहें, जिससे उसकी पवित्रता बनी रहे।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'