Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganesh Jayanti 2025: जरूर करें गणेश जी की आरती व मंत्रों का जप, किसी काम में नहीं आएगी बाधा

    Updated: Sat, 01 Feb 2025 08:19 AM (IST)

    पंचांग के मुताबिक माघ के महीने में आने वाले शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश जयंती (Maghi Ganesh Jayanti 2025) का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसे में इस यह पर्व शनिवार 01 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है।

    Hero Image
    Maghi Ganesh Jayanti 2025 गणेश जी की आरती व मंत्र।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी कार्य से पहले भगवान गणेश की आराधना जरूरी रूप से की जाती है। ऐसा करने से वह कार्य निर्विघ्न रूप से पूरा होता है। भगवान गणेश के अवतरण दिवस के रूप में माघ माह में गणेश जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन श्रद्धाभाव से गणपति जी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के दौरान गणेश जी की आरती व मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गणेश जी की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    (Picture Credit: Freepik)

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

    आरती के बाद इस मंत्र का जप करें

    वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।

    मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥

    गजाननं भूत गणादि सेवितं,

    कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।

    उमासुतं शोक विनाशकारकम्,

    नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥

    यह भी पढ़ें - Maghi Ganesh Jayanti पर जरूर करें गणपति जी का नाम जप, भर-भरकर बरसेगी बप्पा की कृपा

    गणेश जी के मंत्र

    गणेश जयंती के दिन पूजा के दौरान गणेश जी की आरती के साथ-साथ मंत्रों का जप भी जरूर करना चाहिए। इससे आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और गणेश जी की कृपा समस्त परिवार पर बनी रहती है।

    श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।

    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

    ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।

    वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥

    ॐ गं गणपतये नमः॥

    ॐ वक्रतुण्डाय हुम्॥

    गणेश गायत्री मंत्र -

    ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,

    तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

    ऋणहर्ता गणपति मंत्र -

    ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

    यह भी पढ़ें - फरवरी में कब है विनायक और द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी? अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।