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Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा आज, जानिए शुभ मुहूर्त, स्नान समय और महत्व

Magh Purnima 2023 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन देवतागण पृथ्वी पर पधारते हैं। इसके साथ ही भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है औऱ दान देने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghPublished: Tue, 17 Jan 2023 10:24 AM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2023 01:30 PM (IST)
Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली, Magh Purnima 2023: प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इन सभी में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। माघ मास का समापन पूर्णिमा के साथ हो जाता है। इसे माघ पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा जैसे नामों से जाना जाता है। माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। क्योंकि इस दिन श्री हरि विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इसलिए इस दिन स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही माघी पूर्णिमा के दिन दान करने से महायज्ञ के समान लाभ मिलता है। जानिए माघ पूर्णिमा 2023 तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

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माघ पूर्णिमा 2023 तिथि और मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, माघ माह के पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी 2023 को रात 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी, जो 5 फरवरी 2023 को रात 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।

आयुष्मान योग- सूर्योदय से दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक

सौभाग्य योग- दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक से 6 फरवरी दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक।

माघ पूर्णिमा 2023 का महत्व

ब्रह्मवैवर्त पुराण में माघ पूर्णिमा का महत्व बताया गया है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु गंगा नदी में निवास करते हैं और इसलिए माना जाता है कि गंगा नदी के पवित्र जल को छूने मात्र से भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। माघ पूर्णिमा व्रत का पालन करने से भक्त अपने पापों से मुक्ति पा सकते हैं और मन की पवित्रता और शांति भी प्राप्त कर सकते हैं।

हिंदू धर्म में माघी पूर्णिमा विशेष मानी जाती है। माघी पूर्णिमा के जिन लोग अपने कल्पवास की परंपरा को पूर्ण करते हैं। इसके साथ ही संगम नदी के किनारे साधक स्नान और ध्यान पर अपना पूरा समय व्यतीत करते हैं।माघ पूर्णिमा के दिन लाखों की संख्या में लोग प्रयाग में स्थिति त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं। इसके अलावा माघ पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने इसी दिन अपनी आसन्न मृत्यु की घोषणा की थी।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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