Move to Jagran APP

Lord Hanuman: मंगलवार के दिन हनुमान जी की करें विशेष पूजा, जीवन के संकटों से मिलेगा छुटकारा

मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। देवी-देवताओं की विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने के बाद उनकी आरती अवश्य करनी चाहिए। माना जाता है कि बिना आरती किए पूजा पूर्ण नहीं होती है। श्री हनुमान की पूजा-आराधना और आरती करने से भय से मुक्ति मिलती है और सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Tue, 12 Mar 2024 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2024 08:30 AM (IST)
Lord Hanuman: मंगलवार के दिन हनुमान जी की करें विशेष पूजा, जीवन के संकटों से मिलेगा छुटकारा
Lord Hanuman: मंगलवार के दिन हनुमान जी की करें पूजा, जीवन के संकटों से मिलेगा छुटकारा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Ji Ki Aarti: सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता से संबंध रखते हैं। ऐसे में मंगलवार के दिन संकट मोचन भगवान हनुमान जी की पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को जीवन में व्याप्त सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी आर्थिक संकटों से निजात पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन पूजा के दौरान हनुमान जी की आरती अवश्य करें।  

loksabha election banner

हनुमान जी की आरती के लाभ

देवी-देवताओं की विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने के बाद उनकी आरती अवश्य करनी चाहिए। माना जाता है कि बिना आरती किए पूजा पूर्ण नहीं होती है। श्री हनुमान की पूजा-आराधना और आरती करने से भय से मुक्ति मिलती है और सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं। इसके अलावा जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

यह भी पढ़ें: Phulera Dooj Katha 2024: फुलेरा दूज का पर्व श्री राधा कृष्ण को है समर्पित, यहां पढ़ें इससे जुड़ी कथा

हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।

पैठि पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

हनुमान जी के मंत्र

1.ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर

शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।

2.ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय

सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

3.ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय

सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: कब है मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत? यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.