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    Lord Ganesh: बुधवार को इस विधि से करें गणपति बप्पा की पूजा, सभी विघ्न होंगे दूर

    Updated: Tue, 02 Jul 2024 05:20 PM (IST)

    सनातन धर्म में बुधवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद गणपति बप्पा की पूजा कर श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न धन और वस्त्र का दान जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि इससे जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

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    Lord Ganesh: ऐसे करें गणपति बप्पा की पूजा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ganesh Puja Vidhi: बुधवार के दिन भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की पूजा करने का विधान है। साथ ही सभी विघ्न से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा प्रभु को फल और मोदक का भोग लगाना बेहद फलदायी साबित होता है। आइए जानते हैं भगवान गणेश जी की पूजा विधि और भोग के बारे में।

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    ऐसे करें पूजा

    • बुधवार के दिन सूर्योदय से पहले उठें।
    • इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • अब एक चौकी पर लाल, हरा या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति को विराजमान करें।
    • अब गणपति बप्पा को फूल और दूर्वा घास अर्पित करें।
    • देशी घी का दीपक जलाकर सच्चे मन से आरती करें।
    • इसके बाद गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
    • गणपति बप्पा को फल, मोदक और मिठाई का भोग लगाएं।
    • अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

    लगाएं ये भोग

    • बुधवार के दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा कर प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। भगवान के भोग में आप मोतीचूर के लड्डू शामिल कर सकते हैं क्योंकि गणेश जी लड्डू प्रिय है।
    • इसके अलावा खीर, फल और मिठाई का भोग लगाना कल्याणकारी माना जाता है। ऐसा करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं।

    इन मंत्रों का करें जप

    गणेश गायत्री मंत्र

    • ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
    • ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
    • ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

    गणेश बीज मंत्र

    ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।

    विघ्न नाशक मंत्र

    • गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः । द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
    • विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः। द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।