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    Lord Ganesh: भगवान गणेश जी की पूजा में जरूर करें यह आरती, चमक जाएगी आपकी किस्मत

    Updated: Wed, 05 Jun 2024 06:30 AM (IST)

    बुधवार का दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा और व्रत करने का विधान है। भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाकर आरती जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है आरती करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जातक के जीवन में खुशियां आती हैं।

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    Lord Ganesh: भगवान गणेश जी की पूजा में जरूर करें यह आरती, चमक जाएगी आपकी किस्मत

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Ji Ki Aarti: सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। इसी प्रकार बुधवार का दिन भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए और प्रिय चीजों का भोग लगाकर आरती जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है आरती करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जातक के जीवन में खुशियां आती हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम-भाव बना रहता है। आइए पढ़ते हैं भगवान गणेश जी की आरती।

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    ॥श्री गणेश जी की आरती॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    संकट नाशक मंत्र

    गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

    द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

    विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

    द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

    विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

    नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्र

    ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।