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    Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को इस तरह करें प्रसन्न, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

    Updated: Tue, 04 Jun 2024 03:58 PM (IST)

    अमावस्या तिथि भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। इस दिन शुभ कार्य करने की मनाही है। जैसे- विवाह सगाई मुंडन और गृह प्रवेश आदि। इस बार ज्येष्ठ माह 06 जून को अमावस्या है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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    Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को इस तरह करें प्रसन्न, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jyeshtha Amavasya 2024: हर माह में अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। इस दिन शुभ कार्य करने की मनाही है। जैसे- विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश आदि। इस बार ज्येष्ठ माह 06 जून को अमावस्या है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन पूजा के दौरान पितृ कवच का पाठ जरूर करना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ कवच का पाठ करने से सुख, सौभाग्य, आय और वंश में वृद्धि होती है और पितृ प्रसन्न होते हैं।

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    पितृ कवच (Pitru Kavach Lyrics)

    कृणुष्व पाजः प्रसितिम् न पृथ्वीम् याही राजेव अमवान् इभेन।

    तृष्वीम् अनु प्रसितिम् द्रूणानो अस्ता असि विध्य रक्षसः तपिष्ठैः॥

    तव भ्रमासऽ आशुया पतन्त्यनु स्पृश धृषता शोशुचानः।

    तपूंष्यग्ने जुह्वा पतंगान् सन्दितो विसृज विष्व-गुल्काः॥

    प्रति स्पशो विसृज तूर्णितमो भवा पायु-र्विशोऽ अस्या अदब्धः।

    यो ना दूरेऽ अघशंसो योऽ अन्त्यग्ने माकिष्टे व्यथिरा दधर्षीत्॥

    उदग्ने तिष्ठ प्रत्या-तनुष्व न्यमित्रान् ऽओषतात् तिग्महेते।

    यो नोऽ अरातिम् समिधान चक्रे नीचा तं धक्ष्यत सं न शुष्कम्॥

    ऊर्ध्वो भव प्रति विध्याधि अस्मत् आविः कृणुष्व दैव्यान्यग्ने।

    अव स्थिरा तनुहि यातु-जूनाम् जामिम् अजामिम् प्रमृणीहि शत्रून्।

    ज्येष्ठ अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Amavasya 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून को रात 07 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जून को ज्येष्ठ अमावस्या को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान करने का समय सुबह 04 बजकर 02 मिनट से लेकर 04 बजकर 42 मिनट तक है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

    Pic Credit- Freepik